नयी दिल्ली: पूर्व फ़ास्ट बॉलर ज़हीर ख़ान को टीम इंडिया का नया बॉलिंग कोच बनाया गया है लेकिन प्रमुख कोच रवि शास्त्री अपने सहयोगी बॉलिंग स्टाफ में ज़हीर खान के साथ साथ भरत अरूण की गेंदबाजी कोच के रूप में वापसी चाहते हैं। इससे साफ़ ज़ाहिर गेंदबाज़ी कोच के लिये शास्त्री की पसंद अरूण थे लेकिन सलाहकार समिति (सीएसी) ने इसके लिए ज़हीर के नाम की सिफारिश करते समय शास्त्री को विश्वास में नहीं लिया।
सूत्रों के अनुसार ज़हीर पूरे 250 दिन का समय नहीं दे पायेंगे जो कि एक पूर्णकालिक कोच के लिये ज़रूरी है। वह 100 दिन से अधिक समय के लिये उपलब्ध नहीं रहेंगे। यही नहीं ज़हीर का वेतन का पैकेज अभी तय नहीं किया गया है और इस पर बातचीत चल रही है।
इससे पहले शास्त्री से जब गेंदबाजी कोच के रूप में उनकी पसंद पूछी गयी तो उन्होंने अरूण का नाम लिया लेकिन सीएसी का एक खास सदस्य इसके खिलाफ था।
शास्त्री ने इसके बाद कहा, फिर मुझे जैसन गिलेस्पी दे दो। गिलेस्पी को अभी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी कोच माना जाता है। लेकिन गिलेस्पी को पहले ही पापुआ न्यूगिनी ने अनुबंधित कर रखा है। बीसीसीआई ने वेंकेटेश प्रसाद का नाम भी स्टैंड बाई के रूप में रखा है लेकिन लगता है कि शास्त्री अरूण के अलावा किसी अन्य के नाम पर सहमत नहीं होंगे। प्रसाद को हो सकता है कि भारतीय टीम में पसंद नहीं किया जाए क्योंकि अपने पूर्व के कार्यकाल के दौरान उनको लेकर शिकायत थी कि उन्होंने तेज गेंदबाजों को लाइन व लेंथ वाले मध्यम गति के गेंदबाजों में बदल दिया।
बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार शास्त्री इस सप्ताहांत शीर्ष अधिकारियों और प्रशासकों की समिति (सीओए) से मिल सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि रवि जहीर का पूरा सम्मान करते हैं लेकिन उनका मानना है कि पूर्णकालिक गेंदबाजी कोच का होना जरूरी है। जहीर गेंदबाजों के लिये रोडमैप तैयार कर सकते हैं और अरूण उसे लागू करेंगे।
रवि शनिवार को सीओए से बात कर सकते हैं और यह साफ कर सकते हैं कि उन्हें श्रीलंका दौरे के लिये भी टीम में अरूण चाहिए। अगर शास्त्री टीम में अरूण को लाने में सफल रहते हैं तो इससे वह अपने धुर विरोधी रहे सौरव गांगुली से भी बदला ले लेंगे जो उनको रखने के खिलाफ थे। अरूण को 2014 में जो डावेस की जगह गेंदबाजी कोच बनाया गया था और वह 2016 में शास्त्री को बाहर किये जाने तक टीम के साथ थे।
अरूण का खिलाड़ी के रूप में करियर भले ही अच्छा नहीं रहा हो लेकिन उन्हें हमेशा बेहतरीन अकादमी कोच माना जाता रहा है और तेज गेंदबाजी से जुड़ी चीजों पर उनकी अच्छी पकड़ है। अरूण और शास्त्री दोनों ही अस्सी के दशक के शुरूआती वर्षों में अंडर-19 के दिनों से दोस्त हैं। शास्त्री की सिफारिश पर ही तत्कालीन अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने अरूण को सीनियर टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया था। तब वह राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में गेंदबाजी सलाहकार थे।