आईसीसी विश्वकप 2019 की हार के बाद टीम इंडिया अपने पहले वेस्टइंडीज दौरे पर है। जिसे कप्तान कोहली ने टीम में शमिल किए गए युवाओं के लिए सुनहरा मौका बताते हुए कहा कि वो मैदान में आए खुद को पर्याप्त समय दे और अपने नाम का डंका पूरे क्रिकेट जगत में बजवाए। कुछ इसी तरह की बात टीम में महेंद्र सिंह धोनी की पदवी पर खड़े युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत के लिए भी कोहली ने दौरे की शुरुआत से पहले कही थी। कोहली ने कहा था कि पंत जैसे युवा खिलाड़ियों के लिए ये सुनहरा मौका है, जिसमें वो खुद को साबित कर दुनिया को अपना दमखम दिखा सकते हैं। मगर ऋषभ पंत इस खेल को काफी हल्के में ले रहे हैं और लगातार एक के बाद एक गलतियाँ करते जा रहे हैं।
दरअसल, आईसीसी विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल मैच में गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपने विकेट फेंकने वाले ऋषभ पंत कई क्रिकेट पंडितों और दिग्गजों के निशाने पर थे। सभी का ये मानना था की समय के साथ युवा बल्लेबाज सीखेगा और निखरकर सामने आएगा। मगर ऋषभ पंत लापरवाही की पटरी पर सवार है और उतरने का नाम नहीं ले रहे हैं। जिसका एक उदाहरण कल के मैच में भी देखने को मिला।
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 में 96 रनों के छोटे से चेस में टीम इंडिया के 2 विकेट जल्दी गिर गए, जिसके बाद मैदान में आए ऋषभ पंत को टीम की जीत के लिए सिर्फ कप्तान कोहली का साथ निभाना था। लेकिन पंत से वो भी ना हो सका। उन्होंने आते ही पहली गेंद को हवा में उड़ाना चाहा, जिसके चलते बाउंड्री पर खड़ें फील्डर को कैच देकर वो शून्य पर पवेलियन चल दिए। ऐसे में नॉनस्ट्राइक एंड पर खड़ें कप्तान कोहली एक बार फिर उनकी इस तरह की बेपरवाह बल्लेबाजी से निराश दिखे। ऐसे में सवाल उठता है कि पंत आखिर कब तक ऐसे खेलते रहेंगे?
हालाँकि पंत कप्तान कोहली समेत टीम इंडिया के मैनेजमेंट के चेहते बने हुए हैं। जिस पर कोहली ने कहा, "हम सबको पता है की पंत के अंदर काफी टैलेंट है। हम सब उन्हें लगातार रन बनाते देखना चाहते हैं। धोनी का अनुभव टीम के लिए एक बड़ा फैक्टर है। मगर पंत जैसे युवा खिलाड़ियों के लिए ये बहुत बड़ा मौका है जिसका फायदा उन्हें उठाना चाहिए। हमें उनके साथ अभी और आगे जाना चाहिए।"
इस तरह पंत को ये संज्ञान में रखना चाहिए कि टीम इंडिया के चयनकर्ताओं ने उन्हें धोनी के बाद तीनो फोर्मेट में टीम इंडिया के अगले विकेटकीपर के तौर पर चुना है। जिसका उन्हें फायदा उठाना चाहिए न कि गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर टीम को बीच मझदार में छोड़ देना चाहिए। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि जब टीम इंडिया का वेस्टइंडीज दौरा खत्म हो तब तक पंत जरूर अपनी करिश्माई बल्लेबाजी से फैंस समेत टीम मैनजेमेंट का भरोसा जीत चुके हो। अन्यथा ये दौरा उनके करियर को काफी नुकसान भी पहुंचा सकता हैं।