नई दिल्ली। तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि कुछ प्रथम श्रेणी क्रिकेटर और कुछ कोच संदिग्ध मैच फिक्सिंग के लिए बीसीसीआई की भ्रष्टचार रोधी इकाई की जांच के दायरे में आ सकते हैं। बीसीसीआई की एसीयू के प्रमुख अजीत सिंह ने हालांकि किसी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के संदिग्ध होने की संभावना को खारिज कर दिया है।
तमिलनाडु क्रिकेट संघ ने 2016 में टीएनपीएल की शुरुआत की थी और इसमें आठ फ्रेंचाइजी टीमें हिस्सा लेती हैं। अजीत ने कहा, ‘‘कुछ खिलाड़ियों ने बताया था कि उन्हें अनजान लोगों से वट्सऐप पर संदेश आ रहे हैं। हम यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि ये लोग कौन हैं। हमने खिलाड़ियों के बयान दर्ज किए हैं और हम इन संदेशों को भेजने वालों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नहीं है। किसी भी खिलाड़ी को अगर संदेश मिले हैं तो उसे हमें इसकी जानकारी देनी होगी, यह उसकी जिम्मेदारी है।’’
अब तक किसी नाम का खुलासा नहीं हुआ है लेकिन मैच फिक्सिंग के आरोपों को टीएनपीएल की एक फ्रेंचाइजी से जोड़कर देखा जा रहा है जिसके बारे में कई लोगों का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में ये टीम बदनाम हुई है। बीसीसीआई के सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘यह फ्रेंचाइजी आठ टीमों की टीएनपीएल तालिका में निचली तीन टीमों में शामिल थी। उनका स्वामित्व भी संदेहास्पद है।
उन्होंने जिन खिलाड़ियों और कोचों को चुना वे भी स्तरीय नहीं हैं।’’ यह अनजान से कोच की भी भूमिका जांच के दायरे में आ सकती है। यह कोच पहले भी संदिग्ध गतिविधियों वाली फ्रेंचाइजियों से जुड़ा रहा है। बीसीसीआई सूत्र ने कहा, ‘‘किसी चीज से इनकार नहीं किया जा सकता। एक कोच का दागी आईपीएल फ्रेंचाइजी से संबंध था, बाद में उसने रणजी टीम को कोचिंग दी और एक सत्र के लिए टीएनपीएल फ्रेंचाइजी से जुड़ा था जो जांच के दायरे में है।’’