स्पिनर एम सिद्धार्थ के फिरकी के जादू और फिर बल्लेबाजों के बेहतरीन खेल से तमिलनाडु ने फाइनल में बड़ौदा को 7 विकेट से हराकर सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया। तमिलनाडु ने दूसरी बार ये ट्रॉफी अपने नाम की है। इससे पहले तमिलनाडु ने 2006/7 में सैयद मुश्ताक अली का पहला संस्करण जीता था। तमिलनाडु को जीत के लिए 121 रनों का लक्ष्य मिला था जिसे उसने 18वें ओवर में हासिल कर लिया। तमिलनाडु की ओर से हरी निशांत ने सबसे ज्यादा 35 रन बनाए। बाबा अपराजित 29 रन और शाहरुख खान ताबड़तोड़ 18 रन बनाकर बनाकर नाबाद रहे।
इससे पहले तमिलनाडु ने टॉस जीतकर बड़ौदा को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया। बड़ौदा की शुरुआत काफी खराब रही और टीम ने 8.1 ओवर में 32 रन तक अपने शुरुआती पांच विकेट गंवा दिए।
इन पांच विकेटों में इस सीजन में सर्वाधिक रन बनाने वालों बल्लेबाजों की सूची में दूसरे नंबर पर चल रहे कप्तान केदार देवधर (10), निनंद रत्वा (1), समित पटेल (1), भानू पानिया (0) और अभिमन्यु राजपूत (2) के विकेट शामिल हैं।
हालांकि क्वार्टर फाइनल में तूफानी अर्धशतकीय पारी खेलने वाले विष्णु सोलंकी ने एक छोर संभाले रखा। लेकिन दूसरी तरफ से बड़ौदा के विकेटों का गिरने का सिलसिला जारी रहा। टीम को छठा झटका 36 के स्कोर पर कार्तिक काकड़े (4) के रूप में लगा।
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इस बीच, सोलंकी ने अतीत सेठ (29) के साथ सातवें विकेट के लिए 58 रनों की साझेदारी की। सेठ टीम के 94 रनों के स्कोर पर आउट हुए। उन्होंने 30 गेंदों पर दो चौके और एक छक्का लगाया।
सोलंकी ने फिर अंतिम ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 55 गेंदों पर एक चौका और दो छक्कों की मदद से 49 रनों की पारी खेलकर टीम को नौ विकेट पर 120 रनों के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। भार्गव भटट ने नाबाद 12 रन बनाए। तमिलनाडु की ओर से एम. सिद्धार्थ ने सर्वाधिक चार विकेट लिए। उनके अलावा बाबा अपराजित और मुरुगन अश्विन को एक-एक विकेट मिला।