पाकिस्तान के दागी तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ ने कहा है कि स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने वाला वह न तो पहला खिलाड़ी है और न ही आखिरी लिहाजा क्रिकेट बोर्ड को उसके साथ बेहतर बर्ताव करके दूसरों की तरह एक मौका और देना चाहिये था। आसिफ पर पाकिस्तान टीम के 2010 के इंग्लैंड दौरे पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों के कारण सात साल का बैन लगाया गया था।
वह ब्रिटेन में जेल में भी रहा। आसिफ ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा ,‘‘हर कोई गलती करता है और मैने भी की। मुझसे पहले और बाद में भी लोगों ने फिक्सिंग की लेकिन मुझसे पहले करने वाले पीसीबी के साथ काम कर रहे हैं और मेरे बाद वाले अभी भी खेल रहे हैं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ हर किसी को दूसरा मौका दिया गया लेकिन मेरे जैसे कुछ को वह नहीं मिला पीसीबी ने मुझे बचाने की कभी कोशिश नहीं की जबकि मैं ऐसा गेंदबाज था जिसे दुनिया भर में सम्मान हासिल था।’’
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उन्होंने कहा, ''मैं भी जितना भी खेला उसमें मैंने अपना बेहतरीन किया, दुनिया हिला कर रख दी थी, यह मेरे लिए यही महत्वपूर्ण है। इतने सालों के बाद भी मेरे दौर के बल्लेबाज आज भी मेरे बारे में बात करते हैं।''
आसिफ ने कहा, ''मैं बस यह सोचता हूं कि विश्व क्रिकेट में मेरा क्या प्रभाव था। केविन पिटरसन, एबी डिविलियर्स और हासिम अमला जैसे दिग्गज बल्लेबाज मेरे बारे में बात करते हैं यही मेरे लिए खुशी की बात है।''
स्पॉट फिक्सिंग ही नहीं साल 2006 में आसिफ डोप टेस्ट में फेल के कारण भी एक साल के लिए सस्पेंड हुए थे और उन्होंने माना था कि उनसे गलती हुई है और उन्हें प्रतिबंधित दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए था।
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उन्होंने कहा, ''मैं आज के क्रिकेटरों को यह संदेश देना चाहता हूं कि जब आप अपनी सीमा से बाहर जाकर कुछ काम करते हैं तो हमेशा ध्यान रहे कि वह आपके और टीम दोनों के हित में होना चाहिए। मैं एक गेंदबाज के तौर पर स्वार्थी था, क्योंकि में अधिक से अधिक विकेट लेना चाहता था तभी टीम को जीत मिलती। स्वार्थी होना बुरी बात नहीं है लेकिन तभी तक जब तक की वह अपनी हद में रहे।''
आपको बता दें मोहम्मद आसिफ ने 23 टेस्ट, 38 वनडे और 11 टी-20 मैचों में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया है। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने कुल 106 विकेट हासिल किए जबकि वनडे में उन्हें 46 और टी-20 में 13 विकेट मिले।