काफी हद तक टी-20 विश्व कप 2021 के दूसरे सेमीफाइनल की फेवरेट्स पाकिस्तान को माना जा रहा था लेकिन एक बार फिर उन्होंने इस बड़े मुकाबले में कुछ ऐसी गलतियां कीं जो उनको काफी महंगी पड़ी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मुकाबले में पाकिस्तान ने पांच विकेट से शिकस्त झेली। ये मुकाबला देख कर हर क्रिकेट फैन को 2010 टी-20 विश्व कप का सेमीफाइनल मुकाबला याद आया होगा। ऑस्ट्रेलिया से मिली ये हार पाकिस्तान की इस टूर्नामेंट में पहली और आखिरी हार थी। इससे पहले उन्होंने सभी मैच जीते थे और ऐसा करने वाली वो इकलौती टीम थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पाकिस्तान को हार कैसे मिली? क्या वजह थी, कहां पाकिस्तान ने गलतियां कीं?
यहां पढ़िए पाकिस्तान द्वारा की गई वो गलतियां जिससे वे फाइनल में जगह नहीं बना सका-
1) बाबर आजम को टॉस हार कर पहले करनी पड़ी बल्लेबाजी- टी-20 प्रारूप में टॉस काफी मायने रखता है। जो टीम टॉस जीत कर परिस्थितियों को देखते हुए सही फैसला करती है, उसके जीतने के चांस काफी हद तक बढ़ जाते हैं। पाकिस्तान को पहला झटका टॉस के वक्त ही लग गया था जब दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में एरॉन फिंच ने टॉस जीता। फिंच ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। दुबई के मैदान में पहले गेंदबाजी करने वाली टीम अक्सर विजेता होती है। इस मैदान पर अब तक कुल 73 टी-20 मुकाबले खेले गए हैं जिसमें से पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम 34 बार जीती है और पहले गेंदबाजी करने वाली टीम 38 बार जीती है।
2) पाकिस्तान का अस्थिर मिडिल ऑर्डर- पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी क्रम पर नजर डालें तो इस टीम का टॉप ऑर्डर दुनिया के बेस्ट टॉप ऑर्डर्स में से एक है। लेकिन जब बात मिडिल ऑर्डर की आती है तो ये काफी अस्थिर है। माना कि आसिफ अली ने अफगानिस्तान के खिलाफ 7 गेंदों में 25 रन बनाए और शोएब मलिक ने स्कॉटलैंड के खिलाफ 18 गेंदों में 54 रनों की पारी खेली लेकिन इन दो मैचों के अलावा इस टीम का मिडिल ऑर्डर कुछ खास नहीं रहा है। सेमीफाइनल मुकाबले में भी आसिफ अली (0), शोएब मलिक (1) और मोहम्मद हफीज (1*) योगदान नहीं दे सके। एक छोर से केवल फखर जमान ही पारी को आगे बढ़ा रहे थे।
3) 11 साल पहले का इतिहास दोहराया गया- जो काम आज से 11 साल पहले माइकल हसी ने 2010 टी-20 विश्व कप में किया था वही काम मैथ्यू वेड ने बुधवार को किया। ऑस्ट्रेलियाई मिडल ऑर्डर ने पाकिस्तान के खिलाफ ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर मैच फिनिश किया। हसी ने आखिरी ओवर में सईद अजमल के खिलाफ 17 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को फाइनल में पहुंचाया था। उन्होंने दो छक्के और एक चौका जड़ कर ऑस्ट्रेलिया को आखिरी ओवर में तीन विकेट से जीत दिलाई थी। वहीं, इस बार मैथ्यू वेड ने 19वें ओवर में शाहीन शाह अफदीरी के खिलाफ 22 रन बना कर जीत दिलाई थी। उन्होंने इस ओवर में लगातार तीन छक्के जड़े थे।
4) पाकिस्तान की खराब फील्डिंग- पाकिस्तान ने सुपर 12 के मुकाबलों अपनी फील्डिंग के लिए काफी तारीफें बटोरी थीं। लेकिन सेमीफाइनल मैच के बाद उनकी फील्डिंग पर सवाल खड़े होने लगे हैं। पाकिस्तान की खराब फील्डिंग उनकी सेमीफाइनल में हार का एक बड़ा कारण है। 13.1 ओवर में हारिस रऊफ की गेंद पर स्टोइनिस एक रन लेने के लिए दौड़े, तब शादाब खान का डायरेक्ट हिट सटीक नहीं रहा और नॉन-स्ट्राइक छोर पर वेड को जीवनदान मिल गया। फिर 14.2 ओवर में डायरेक्ट हिट का मौका बना था लेकिन वो भी सटीक नहीं रहा। फिर सबसे बड़ी गलती हसन अली से 19वें ओवर में हुई जब उनसे मैथ्यू वेड का कैच छूटा और इस ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने दो रन भी बना लिए थे। ये कैच छूटने के बाद वेड ने लगातार तीन छक्के जड़ दिए और जीत हासिल की।
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5) गेंदबाजों ने फेरा फैंस की उम्मीदों पर पानी- पाकिस्तान टीम अपने स्टार तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी पर बहुत ज्यादा निर्भर रहते हैं। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि वे टीम के घातक तेज गेंदबाज हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका दिन नहीं था। टीम ने तीन स्पिनर और तीन तेज गेंदबाज शामिल किए थे। शाहीन अफरीदी के स्पेल के आखिरी ओवर में जिस तरह ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पेश आए, वो तो सबने देखा। लेकिन हसन अली और हारिस रऊफ भी काफी महंगे साबित हुए थे। अली ने 4 ओवर में 44 रन दिए और रऊफ ने 3 ओवर में 32 रन दे दिए थे। ऐसे में पाकिस्तान को चौथे पेसर की कमी जरूर खली होगी!