भारत टी-20 की सीरीज दक्षिण अफ्रीका से हार चुका है और गुरुवार को ईडन गार्डन पर खेला जाने वाला तीसरा टी-20 मैच महज औपचारिकता रह गया है। टी-20 में सीरीज हारते देख कटक में दर्शक आपा खो बैठे और मैदान पर बोतले फेंकी, जिसे खेल भावना के खिलाफ कहा जा रहा है और इसकी निंदा भी हो रही हैं।
हार पर उत्पात कितना सही ?
लेकिन टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी दर्शकों का बचाव करते हुए कहा है कि इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए, कई बार जब हम अच्छा नहीं खेलते तो दर्शकों की इस तरह से प्रतिक्रिया मिलती है। पहली कुछ बोतलें दर्शकों ने गंभीरता से फेंकी लेकिन इसके बाद इसे कुछ दर्शकों ने मजे के लिए ऐसा किया। माही अपनी बात के समर्थन में विशाखापत्तनम में खेले गए एक मैच का उदाहारण देते हुए कहा है कि वह मैच हम जीत गए थे इसके बावजूद दर्शकों ने मजे के लिए बोतलें फेंकी थी इसलिए इसे अधिक गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। यही नहीं भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को खिलाडि़यों की सुरक्षा के लिहाज से भी यह कोई बड़ी बात नहीं लगी।
क्या कटक में अंतराष्ट्रीय मैच कराने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए ?
लेकिन धोनी के अलग महान क्रिकेट खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा है कि कटक के बारामती स्टेडियम में अगले दो साल तक अंतराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए । हालांकि उड़ीसा क्रिकेटर एसोसिएशन ने गावस्कर के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लेकिन सवाल तो इस बात का है कि क्या कटक में मैच के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने से इस बात की गारंटी कोई ले सकता है कि ईडन गार्डन या अन्य किसी जगह भारत की हार के बाद दर्शक फिर ऐसा नहीं करेंगे।