26 साल के मनीष पाण्डे टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिये कितने आतुर (होना भी चाहिये) हैं ये उस वक़्त देखने को मिला जब भारत को जीत के लिये 4 बॉल पर 6 रन बनाने थे और मनीष अपने पहले वनडे शतक से सिर्फ़ दो रन पीछे थे। चौथी बॉल पर थर्डमैन पर चौक्का लगाकर वह ख़ुशी में ऐसे झूमें मानों भारत ने मैच जीत लिया हो। ये ख़ुशी थी अपना शतक पूरा करने की हालंकि भारत को जीत के लिये अभी भी दो रन की दरकार थी। बहरहाल मनीष ने जिस तरह से टीम के सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलकर अपना शतक पूरा किया और टीम को जीत बी दिलवाई वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ तो है ही साथ ही टीम के भविष्य को लेकर हमें भरोसा भी दिलाती है।
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