मुंबई: पूर्व ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान का मानना है कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को कलाई के स्पिनरों को समझने में थोड़ी मुश्किल होती है और भारत इंग्लैंड के दौरे के दौरान उनकी इस कमजोरी का फायदा उठा सकता है।
भारतीय क्रिकेट टीम जुलाई और सितंबर 2018 के बीच पांच टेस्ट, तीन एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और तीन ट्वेंटी 20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी। स्वान ने कहा कि भारत के कलाई के स्पिनर इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
स्वान ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कलाई के स्पिनर इंग्लैंड में अच्छा कर सकते हैं। यासिर शाह ने पिछले साल पाकिस्तान के लिये अच्छा किया है। इसलिये इंग्लैंड के खिलाड़ी कलाई की स्पिन फेंकने में परेशानी होती है और इसे खेलने में भी उन्हें दिक्कत होती है। अगर वे फिट हैं और इस कलाई के गेंदबाजों को चुना जाता है और ये गेंदबाजी करते हैं तो ये बहुत अच्छा कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा , ‘‘इंग्लैंड में खेलने की रणनीति यही है कि खिलाड़ियों को फ्रंट फुट पर लाओ क्योंकि यहां का विकेट थोड़ा धीमा है और जैसे ही आप थोड़ी शार्ट पिच गेंद कराते हो तो आपकी गेंद पर मैदान के चारों ओर शाट लगने लगेंगे। यासिर ने पाकिस्तान के लिये इतना अच्छा प्रदर्शन क्यों किया क्योंकि उसकी लेग स्पिन काफी तेज थी जिसने बल्लेबाजों को बैकफुट पर नहीं जाने दिया।’’
स्वान से जब पूछा गया कि क्या युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव इंग्लैंड में सफल होंगे तो उन्होंने कहा,‘‘इसलिये अगर वे शाह की सलाह पर गौर करेंगे तो वे अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।’’उन्हें यह भी लगता है कि इंग्लैंड की टीम इस समय बदलाव के दौर में हैं और उनके स्पिन विभाग में काफी अंतर है।
स्वान ने कहा,‘‘लेकिन भारतीय बल्लेबाजी अब काफी बेहतर है। पिछली बार जिम्मी एंडरसन और स्टुअर्ट ब्राड ने भारत को पस्त कर दिया था और मोईन अली ने भी सचमुच अच्छी गेंदबाजी की थी। इस बार भी उनके पास ब्राड और एंडरसन हैं, जो अब भी बेहतर हैं , विश्व स्तरीय गेंदबाज हैं लेकिन बैक - अप में मोईन अली पाकिस्तान के खिलाफ टीम में भी नहीं थे। इसलिये स्पिन विभाग में काफी बड़ा अंतर आ गया है। ’’
भारतीय कप्तान विराट कोहली के काउंटी क्रिकेट में सर्रे के लिये खेलने के बारे में स्वान ने कहा, ‘‘यह अच्छा है जब विराट को सर्रे के लिये खेलने का मौका दिया गया है। विश्वास करो , उसे सर्रे के लिये खेलकर मजा आयेगा। ओवल में विकेट बल्लेबाजी करने के लिये बेहतरीन है। उसका दौरा अच्छा रहेगा।’’