कोरोना महामारी के कारण जहां सभी खेल बंद पड़े हुए हैं वही इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बाद श्रीलंका के खिलाडियों ने भी ट्रेनिंग शुरू कर दी है। जिसमें श्रीलंकाई गेंदबाज आईसीसी की गाइडलाइन के मुताबिक और कोरना जैसी महामारी से बचने के लिए गेंद को चमकाने में लार का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। जिसमें उन्होंने ट्रेनिंग के बाद कोच मिकी आर्थर से बताया कि गेंद को चमकाने में पसीना काम नहीं कर रहा है। इससे बस गेंद और भारी होती जा रही है। जिसके बारे में उनके कोच मिकी ने जानकारी दी है।
मिकी ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बातचीत में कहा, "गेंदबाजों से बात करना काफी शानदार रहा। उनका कहना है कि पसीना गेंद को थोडा भारी कर रहा है। लार ही गेंद को चमकाने के लिए सबसे सही चीज़ है। मगर अब जो है उससे आपको पार तो पाना ही होगा।"
गौरतलब है कि कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने कोरोना के बाद खेलों की वापसी को लेकर सिफारिश किया था कि जब भी क्रिकेट वापस आएगा तो मैच में गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। जबकि पसीने के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाई गई थी। ऐसे में इस समिति के एक सदस्य खुद श्रीलंका के कोच मिकी आर्थर थे। जिसके बारे में उन्होंने आगे कहा, "क्योंकि मैं [ICC] क्रिकेट कमेटी में हूं, मुझे पता है कि बहस और विचार जो कि गेंद पर लार के इस्तेमाल से बचने के लिए की गई सिफारिश के इर्द-गिर्द है - हालाँकि आप गेंद पर पसीने का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि यह साबित हो गया है कि असली खतरा पसीना नहीं है। उस समिति की बैठक में सर्वसम्मति थी: 'ओह, ठीक है, अगर आप पसीना लगा सकते हैं, तो यह ठीक है। यह लगभग समान है।"
गौरलतब है की श्रीलंका के 13 खिलाडियों के समूह ने 12 दिन का ट्रेनिंग कैम्प सोमवार ( 1 जून ) से शुरू कर दिया है। जिसमें 6 से अधिक तेज गेंदबाजों ने हिस्सा लिया है।
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बता दें कि जिस तरह इंग्लैंड दौरे पर जाने के लिए वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड अब राजी हो गया है। ठीक उसी तरह श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने भी बीसीसीआई और बांग्लादेश से उनके यहाँ आकर अपनी सीरीज खेलने का प्रस्ताव रखा था। जिस पर बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने तो कुछ मन बनाया था मगर बीसीसीआई ने इसके बारे में कोई भी फैसला लेने से साफ़ इनकार कर दिया था। जिसके चलते भारत और बांग्लादेश दोनों देशों का श्रीलंका दौरा अधर में लटका हुआ है।