सेंट लूसिया टेस्ट में बॉल टेम्परिंग मामले में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा प्रतिबंधित किए गए श्रीलंका के कप्तान दिनेश चांदीमल पर उनका राष्ट्रीय बोर्ड अलग से प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार नहीं कर रहा है। श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) का मानना है कि चांदीमल ने जानबूझ बॉल टेम्परिंग नहीं की थी और इसलिए वो अपने कप्तान को अलग से सजा नहीं देगा। चांदीमल पर पहले ही आईसीसी ने एक मैच का प्रतिबंध लगा दिया था।
सेंट लूसिया टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ के मामले के कारण श्रीलंका ने मैच के तीसरे दिन दो घंटे की देरी से मैदान पर कदम रखा था इसलिए आईसीसी चांदीमल को और अधिक सजा सुना सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एसएलसी की जिम्मेदारी संभाल रहे खेल मंत्री फेसजर मुस्तफा ने कहा है कि वो टीम के मैदान पर देर से जाने के फैसले से निराश हैं, लेकिन अलग से प्रतिबंध नहीं लगाना चाहते और आईसीसी के फैसले से ही संतुष्ट हैं।
उन्होंने कहा, 'श्रीलंका क्रिकेट और खेल मंत्रालय मानता है कि चांदीमल निर्दोष हैं। आप जानते हैं कि जब कोई फैसला आता है तो हमें उसका सम्मान करना होता है। चांदीमल के खिलाफ कोई प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया सीधे आदेश दिए गए। हमने उनके खिलाफ अपील की और जो फैसला आया उसका सम्मान करते हैं।' वहीं, इस मुद्दे पर पहली बार सामने आकर बोलते हुए चंडीमल ने कहा, 'मेरा मकसद गेंद से छेड़छाड़ करना नहीं था और इसलिए मैंने फैसले के खिलाफ अपील की। मैं इस बात को जानता हूं और मेरी टीम भी कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। मैं इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि आईसीसी ने मुझ पर प्रतिबंध लगाया है।'