स्पॉट फिक्सिंग मामले में 7 साल के बैन के बाद केरल क्रिकेट संघ ने तेज गेंदबाज एस श्रीसंत को राज्य के रणजी टीम में शामिल करने का मन बना लिया है। 37 साल के श्रीसंत का इसी साल सितंबर में 7 साल का बैन खत्म होगा। श्रीसंत को इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने के दौरान मई 2013 में दिल्ली पुलिस ने स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
उस दौरान श्रीसंत राजस्थान रॉयल्स टीम का हिस्सा थे और उनके साथ अजीत चंदीला और अंकित चव्हान की भी गिरफ्तारी हुई थी। इस घटना के बाद बीसीसीआई ने श्रीसंत पर आजीवन बैन लगा दिया था लेकिन दो साल की लंबी लड़ाई के बाद दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उन्हें सभी मामलों से बरी कर दिया था।
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इसके बाद साल 2018 में केरल हाई कोर्ट ने भी श्रीसंत पर लगे सभी आरोपों समाप्त कर दिया था जो कि बीसीसीआई ने लगाया था। हालांकि बीसीसीआई ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी और देश इस सर्वोच्च अदालत ने श्रीसंत को दोषी करार दिया था लेकिन बीसीसीआई के आजीवन बैन को हटाकर इसे सात साल में बदल दिया जो कि इस साल सितंबर में पूरा हो जाएगा।
वहीं केरल क्रिकेट संघ के इस फैसले के बाद श्रीसंत ने कहा, ''मैं केसीए का आभारी हूं कि वह मुझे दूसरा मौका दे रहे हैं। मैं अपनी फिटनेस को साबित करूंगा और बेहतरीन वापसी करूंगा। अब सभी तरह के विवादों को खत्म कर मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दूंगा।''
केसीए ने हाल ही में पूर्व तेज गेंदबाद टिनू योहनन को मुख्य कोत नियुक्त किया है और केरल क्रिकेट संघ के सचिव श्रीथ नायर ने कहा कि श्रीसंत की वापसी हमारे राज्य टीम की एक धरोहर है।
कोच्ची के रहने वाले श्रीसंत क्रिकेट के मैदान पर अपनी तेज गेंदबाजी के साथ आक्रमक जश्न के लिए भी काफी मशहूर हैं। वह भारतीय टीम के लिए टेस्ट मैचों में कुल 87 विकेट ले चुके हैं। वहीं उनके नाम वनडे में 75 विकेट दर्ज है। श्रीसंत साल 2011 विश्व कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं।
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वहीं श्रीसंत अपने खेल के अलावा कई अन्य कारणों से भी चर्चा में रहे हैं जिसमें आईपीएल में हरभजन के साथ उनका थप्पड़ कांड भी शामिल है।
इसके अलावा श्रीसंत भारतीय टेलिविजन शो बिग बॉस में भी नजर आ चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने राजनीति में अपना हाथ आजमाया है। वह बीजेपी के टिकट से तिरुअंतपुरम से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी।