वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी कार्लोस ब्रैथवेट का मानना है कि खेल में नस्लवाद के विरोध करने के लिए खिलाड़ियों का एक घुटने के बल झुकना सिर्फ दिखावा है और कुछ नहीं। ब्रैथवेट ने साथ ही नस्लीय भेदभाव के खिलाफ लड़ाई के लिए कानून में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया।
'ब्लैक लाइव्स मैटर' अभियान को सपोर्ट करने के मकसद से एक घुटने के बल झुकना पूरी दुनिया में लोकप्रिय प्रतीक बन चुका है। अमेरिका में एक श्वेत पुलिसकर्मी के हाथों जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद यह अभियान अपने चरम पर है।
बीबीसी ने ब्रेथवेट के हवाले से कहा, ‘‘घुटने के बल झुकना या बैज पहनना पर्याप्त नहीं है, मानसिकता में बदलाव करना होगा।’’ निहत्थे अश्वेत व्यक्ति फ्लॉयड की उस समय मौत हो गई थी जब एक पुलिस अधिकारी ने अपने घुटने से उसका गला दबा दिया था। उसकी मौत के बाद दुनिया भर में नस्लवाद के खिलाफ अभियान ने जोर पकड़ा और अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर इस अभियान के समर्थन में एक घुटने के बल झुके।
ब्रेथवेट ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह दिखावटी है। सबसे बदलाव बदलाव कानूनी तौर पर करने की जरूरत है और हमारे समाज की मानसिकता बदलनी होगी।’’ उन्होंने आगे कहा, "ऐसा क्यों है कि हम एक हवाई जहाज पर चढ़ते हैं और किसी को एक विशाल दाढ़ी के साथ देखते हैं, तो हम सोचते हैं, आतंकवादी? जब हम सुपरमार्केट में एक काले आदमी को देखते हैं तो हमें लगता है कि चोरी करेगा और गार्ड उसे निशाने पर ले लेता है?" ब्रेथवेट ने कहा, "यह एक बड़ी चर्चा का विषय है। यह केवल घुटने टेकने तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि इस मुद्दे पर बड़ी चर्चा होनी चाहिए।"
बारबाडोस में जन्मे जोफ्रा आर्चर इंग्लैंड के लिए एक स्टार पेसर के रूप में उभरे हैं और ब्रैथवेट ने कहा कि उनकी सफलता कई और आर्चर का मार्ग प्रशस्त करेगी।
ब्रैथवेट ने विश्व कप फाइनल का जिक्र करते हुए कहा, "इंग्लैंड में अश्वेत क्रिकेटर को हाशिए पर रखने के बारे में मीडिया में बात हुई है। एक अश्वेत खिलाड़ी ने वर्ल्ड कप जीत को अंजाम दिया और कप को उसके घर तक पहुंचाने में उसका सबसे अहम रोल था।" उन्होंने कहा, "उसकी सफलता अब एक और जोफ्रा आर्चर और दूसरे जोफ्रा आर्चर के लिए एक मार्ग प्रदान करती है।"