भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का टेस्ट और वनडे दोनों में सफल अंतरराष्ट्रीय करियर रहा। पूर्व बाएं हाथ के बल्लेबाज गांगुली ने भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तानों के रूप में क्रिकेट से संन्यास ले लिया। इसके बाद साल 2008 में गांगुली को आईपीएल के पहले सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स की कप्तानी सौंपी गई लेकिन दुर्भाग्य से टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और टीम छठे स्थान पर रही।
इसके बाद जब कोलकाता की टीम IPL के दूसरे सीजन में खेलने उतरी तो उस वक्त के कोच जॉन बुकानन ने मल्टीपल कप्तान की थ्योरी आजमाने का फैसला किया जिससे कोच और गांगुली के बीच के रिश्ते थोड़े खराब हो गए थे। हालांकि कोच बुकानन की मल्टीपल कप्तान की तरकीब भी काम नहीं आई और टीम IPL 2009 में आखिरी स्थान पर रही। इस सीजन खत्म होने के साथ ही जॉन बुकानन की कोच पद से छुट्टी हो गई।
इस घटना के काफी साल बाद जॉन बुकानन ने अब सौरव गांगुली को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बुकानन ने कहा कि गांगुली T20 फॉर्मेट के अनुकूल नहीं थे।
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बुकानन ने स्पोर्टस्टार से कहा, "उस समय मेरी सोच ये थी कि एक कप्तान के तौर पर आपको त्वरित निर्णय लेने में सक्षम होने की जरूरत थी और आपके खेल को छोटे प्रारूप के अनुकूल होने की जरूरत थी, और यही कारण है कि सौरव के साथ मेरी बातचीत हुई।" बुकानन ने कहा, "मुझे विश्वास नहीं था कि वह खेल के प्रारूप के अनुकूल थे और निश्चित रूप से औपचारिक कप्तानी की भूमिका में नहीं थे।"
आईपीएल में मल्टीपल कप्तानी के विचार पर बुकानन ने कहा कि उन्हें अभी भी लगता है कि टीमों के लिए ऐसा करना एक अच्छा विचार है, खासकर लंबे टूर्नामेंट में। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि एक व्यक्ति के लिए वास्तव में खेल के सभी सेट को समझना बहुत जरूरी है, जिन्हें आपको सही समय पर लगाने की जरूरत है। आपको सही समय पर जल्दी सही निर्णय लेने की जरुरत होती है।"
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गौरतलब है कि हाल ही में पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने खुलासा किया था कि IPL के 2009 सीजन के दौरान कोच जॉन बुकानन और सौरव गांगुली के रिश्ते इतने खराब हो गए थे कि वे दादा को कप्तान के पद से हटाना चाहते थे और बुकानन इसमें सफल भी रहे।