साल में जब भी अप्रैल का महीना आता है तो लोग एक दूसरे को अप्रैल फूल बनाने लगते हैं। कुछ इसी तरह का किस्सा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गंगुली ने भी याद किया है। जब उन्हें टीम इंडिया ने अप्रैल फूल बनाया तो वो समझ नहीं पाए और कप्तानी से हटने तक का फैसला कर चुके थे।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गंगुली ने अनएकेडेमी एप पर अपने एक प्रशंसक के सवाल का जवाब देते हुए गांगुली ने कहा, "मैं उसे हमेशा याद रखूंगा, मैं तब पाकिस्तान के खिलाफ रन नहीं बना रहा था। मैं टीम का कप्तान था। मुझे याद है अप्रैल फूल वाले दिन, मुझे याद भी नहीं था कि उस दिन अप्रैल फूल है और खिलाड़ी मजाक भी कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "मै रन नहीं कर पा रहा था इसलिए मैं थोड़ा निराश था। मैं जैसे ही ड्रेसिंग रूम में गया टीम के खिलाड़ी एक साथ आ गए सचिन और हरभजन कह रहे थे कि आपने टीम के बारे में जो मीडिया में कहा उससे हम लोग निराश हैं। मैंने कहा, मैंने क्या कहा। उन्होंने कहा कि अखबारों में खबर है कि टीम जिस तरह से खेल रही है आप उससे खुश नहीं हैं।"
गांगुली ने कहा कि जो उन्होंने सुना उसे सुनकर वह निराश हो गए थे और कप्तानी से इस्तीफा देने को भी तैयार थे।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान ने कहा, "मैंने उन लोगों से कहा कि अगर आप लोगों को लगता है कि मैं टीम के खेलने के तरीके से निराश हूं और मैंने कुछ गलत किया है तो मैं कप्तानी से इस्तीफा दे देता हूं। यह कहकर मैं अपनी कुर्सी पर बैठ गया। कुछ देर बाद मैंने देखा कि हर कोई हंस रहा है।"
गांगुली ने बताया कि हरभजन ने फिर उन्हें इस मजाक के बारे में बताया था।
गांगुली ने कहा, "मैं उस समय काफी निराश था और थोड़ा हैरान भी। तभी हरभजन ने उचकते हुए कहा अप्रैल फूल।" गांगुली ने कहा कि इस मजाक ने उनके लिए अच्छा काम किया और उनकी फॉर्म वापस आ गई।
उन्होंने कहा, "उस चीज ने मेरे लिए काम किया क्योंकि मैं फिर उस सीरीज में अच्छा खेला। यह बताता है कि मेरे खिलाड़ी मेरे लिए सोचते हैं। मैं रन नहीं कर रहा था और वो लोग चाहते थे कि मैं अच्छा महसूस करूं।"
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