भारत की सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय मैच के अंतिम ओवर में नो-बॉल के विवाद को कम करने की कोशिश की जिससे मेजबान टीम को लगातार 26वें मैचों में जीत दर्ज करने का मौका मिला। भारतीय टीम और अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी रोमांच की पराकाष्ठा तक पहुंचे आखिरी ओवर में दबाव झेलने में नाकाम रहे जिससे ऑस्ट्रेलिया ने इस प्रारूप में लगातार जीत दर्ज करने के अपने रिकॉर्ड में और सुधार किया।
मंधाना ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने अभी तक एक टीम के रूप में उस गेंद को वास्तव में नहीं देखा है। हम बाहर मैदान पर थे, इसलिए यह तय करना बहुत मुश्किल है कि यह नो बॉल थी या नहीं। हमारे लिए इस बारे में कुछ कहना जल्दी होगी। हमें गेंद को देखना होगा और हम इसे देखेंगे।’’
मैच में 86 रन (94 गेंद) की शानदार पारी खेल भारत को सात विकेट पर 274 रन के प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाली मंधाना ने कहा, ‘‘जब ये चीजें आपके पक्ष में जाती हैं, तो आप वास्तव में खुश होते हैं लेकिन विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहते है। मैंने अभी तक गेंद को गंभीरता से नहीं देखा है।’’
मंधाना को हालांकि लय हासिल करने की खुशी है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं सोच रही थी कि मुझे कहां सुधार करने की जरूरत है, टीम के सहयोगी सदस्य और हर कोई मेरा साथ दे रहा था। मुझे कुछ रन बनाने की खुशी है लेकिन 86 रन बनाकर आउट होने से निराश भी हूं। अगर मैं अपनी पारी जारी रखती तो मुझे अच्छा लगता।’’ उन्होंने कहा कि मैदान में ओस के कारण स्पिनरों के लिए गेंदबाजी करना आसान नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘जब ओस होती है तो हमारे स्पिनर अलग दिखते हैं, गेंद पर पकड़ बनाना काफी मुश्किल होता है। लेकिन यह कोई बहाना नहीं हो सकता। जैसा कि मैंने कहा, ये ऐसी चीजें हैं जिनका हमने अभ्यास किया है, हम जानते थे कि ओस होगी। ओस एक बड़ा कारक था।’’
मैच में 125 रन की नाबाद पारी खेल टीम को जीत दिलाने वाले बेथ मूनी ने कहा, ‘‘ 52 रन चार विकेट गंवाने के बाद हमने शानदार वापसी की ।’’
मैच की आखिरी ओवर की अंतिम गेंद को नो-बॉल करार दिये जाने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘ मैं मैदान से बाहर किसी से बात कर रही थी, वे कह रहे थे कि यह साफ तौर पर नो-बॉल थी। मुझे यकीन नहीं था, यह इतना करीबी मामला होगा।’’