क्रिकेट को सज्जनों का खेल कहा जाता है लेकिन ये भी विवादों और स्कैंडल से अछूता नहीं रहा है. 1930 के दशक में सबसे पहले क्रिकेट विवादों में घिरा था. इस विवाद को बॉडीलाइन विवाद के नाम से जाना जाता है. इसके बाद अंडरआर्म बॉलिंग, मैच फ़िक्सिंग आदि और विवाद हुए. इसी क्रम में ताज़ा विवाद है बॉल टेंपरिंग यानी गेंद के साथ छेड़छाड़. ये घटना ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ़्रीका के बीच तीसरे टेस्ट के दैरान हुई. इसके बाद कप्तान स्मिथ, उप कप्तान डेविड वॉर्नर और बैनक्रॉफ़्ट को स्वदेश लौटना पड़ा.
यहां हम आपको बताने जा रहे हैं 6 ऐसे स्कैंडल जिसने खेल को शर्मसार कर दिया.
इंग्लैंड की बॉडीलाइन सिरीज़
इंग्लैंड का 1932/3 ऑस्ट्रेलिया दौरा कप्तान जगलस जार्डाइन की बॉडीलाइन रणनीति के लिए आज भी याद किया जाता है. बॉडीलाइन रणनीति के तहत कप्तान जार्डाइन ने अपने बॉलर्स से बल्लेबाज़ों की पसलियों को निशाना बनाते हुए शॉर्ट पिच बॉलिंग करवाई. गेंदबाज़ हैरॉल्ड लारवुड ने अपनी रफ़्तार और शॉर्ट पिच गेंदों से बल्लेबाज़ों में दहशत पैदा कर दी थी. दरअसल जार्डाइन का निशाना महान बल्लेबाज़ डॉन ब्रेडमैन थे. इस तरह की गेंदबाज से कई बल्लेबाज़ बुरी तरह घायल हुए और इसे लेकर इतना विवाद हुआ कि दोनों देशों के बीच राजनयिक समस्या पैदा हो गई थी. इस रणनीति की वजह से इंग्लैंड ने ऐशेज़ सिरीज़ 4-1 से जीती थी.
हेंसी क्रोनिए की मैच फ़िक्सिंग
2000 में इंडिया के ख़िलाफ़ साउथ अफ़्रीका के दिवंगत कप्तान हेंसी क्रोनिए एक वनडे फिक्स किया था और बाद में उन्होंने इसे स्वीकार भी किया. इसके बाद क्रोनिए पर आजन्म बैन लग गया था. पहले तो क्रोनिए ने आरोप को ग़लत बताया था लेकिन जब टीम के साथियों ने गवाही दी कि मैच हारने के लिए उन्हें पैसे का ऑफर दिया गया था तो क्रनिए ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. 2002 में एक विमान हादसे में क्रोनिए की मैत हो गई थी. तब वह 32 साल के थे.
सलीम मलिक की मैच फ़िक्सिंग
पाकिस्तान के कप्तान सलीम मलिक पर भी मैच फ़िक्सिंग के आरोप में 2000 में आजन्म बैन लगा था. पूर्व कप्तान राशिद लतीफ़ ने 1995 में साउथ अफ़्रीका और ज़िम्बाब्वे के दौरे पर मलिक पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया था.
ट्रेवर चैपल की अंडरआर्म बॉल
अंडरआर्म बॉल की घटना को खेल जगत की अब तक की सबसे शर्मनाक घटना माना जाता है. 1981 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वनडे में ट्रेवर चैपल ने अपने बड़े भाई ग्रेग चैपल के कहने पर मैच के आख़िरी ओवर की आख़िरी बॉल अंडरआर्म की थी और ऑस्टेर्रेलिया मैच तो जीत गई थी लेकिन इज़्ज़त नहीं बचा पाई.
पाकिस्तानी स्पॉट फ़िक्सिंग
अगस्त 2010 में इंग्लैंड के खिलाफ़ लॉर्ड्स में एक टेस्ट मैच के दौरान कप्तान सलमान बट्ट के कहने पर फास्ट बॉलर मोहम्मद आसिफ़ और मोहम्मद आमिर ने जानबूझकर नो बॉल की थी. इन तीनों ने स्वीकार किया था कि ुन्होंने बुकमैकर के कहने पर ये सब किया था. इस अपराध के लिए तीनों को इंग्लैंड में जेल हुई थी. बाद में ICC ने पांच साल का बैन बी लगाया था जो 2015 में ख़त्म हुआ.
जब पाकिस्तान ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मैच गंवाया
2006 में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच टेस्ट खेला जा रहा था. मैच के चौथे दिन चायकाल के बाद पाकिस्तान ने खेलने से मना कर दिया क्योंकि अंपायर डैरल हेयर और बिली डॉक्टरोव ने पाकिस्तानी बॉलर पर बॉल से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. पाकिस्तान ने इसके विरोध में खेलने से मना कर दिया और अंपायर्स ने इंग्लैंड के पक्ष में मैच का फ़ैसला सुना दिया. इसके बाद सालों तक दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड के बीच तनातनी रही. पाकिस्तान ने डैरल हेयर की अंपायरिंग क्षमता पर भी सवाल उठाए. यही नहीं पाकिस्तान ने ICC की भी आलोचना की. बाद में पाकिस्तान को बॉल टेंपरिंग के दोष से मुक्त कर दिया गया और मैच ड्रॉ माना गया.