भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही चार मैचों की टेस्ट सीरीज में विराट कोहली की टोली ने 2-1 से बढ़त बनाकर दबदबा बनाया हुआ है। टीम इंडिया को इस टेस्ट सीरीज के पहले मैच में 227 रनों से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद शानदार वापसी करते हुए भारत ने इंग्लिश टीम को अगले दो मैचों में लगातार धूल चटाई। अब इस सीरीज का आखिरी मुकाबला 4 मार्च से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाना है और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अगर भारत को क्वालीफाई करना है तो इस मैच को भारत को कम से कम ड्रॉ कराना ही होगा।
चौथे टेस्ट से पहले भारत को बड़ा झटका लगा है, यॉर्कर किंग जसप्रीत बुमराह ने नीजि कारणों की वजह से अंतिम टेस्ट मैच नहीं खेलेंगे। इससे यह साफ होता है कि भारतीय प्लेइंग इलेवन में कम से कम एक बदलाव तो होना ही है, लेकिन क्या इसके अलावा टीम कोई और बदलाव कर सकती है? क्या टीम सालामी बल्लेबाज शुभमन गिल की जगह मयंक अग्रवाल को खिला सकती है?
यह चीज संभव है और इसके एक-दो नहीं बल्कि तीन कारण हैं। आइए जानते हैं इन कारणों के बारे में -
पहला कारण - अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील करने में असमर्थ दिखे शुभमन गिल
शुभमन गिल को ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान भारतीय टेस्ट टीम में डेब्यू करने का मौका मिला था। एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट में पृथ्वी शॉ के फेल होने के बाद गिल को दूसरे टेस्ट में उनकी जगह मौका दिया गया था। गिल ने इस मौके को दोनों हाथों से लपका था और सीरीज के अगले तीनों मैचों में अपनी जगह नहीं छोड़ी थी। ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने 45, 36, 50, 31, 7 और 91 रन की पारी खेली थी। ब्रिसबेन में उनके द्वारा खेली गई 91 रन की पारी ने ही भारत की जीत की नींव रखी थी।
ऑस्ट्रेलिया में इस दमदार परफॉर्मेंस का फल उन्हें इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में जगह के रूप में मिला। टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले कप्तान विराट कोहली ने साफ कर दिया था कि वह रोहित और गिल की जोड़ी को लंबे समय तक मौका देना चाहते हैं।
कोहली ने कहा था "हम रोहित शर्मा और शुभमन गिल की सलामी जोड़ी को लंबे समय तक मौका देने की सोच रहे हैं। हम आगमी सभी मैचों में इन दोनों खिलाड़ियों से अच्छी शुरुआत की उम्मीद कर रहे हैं।"
इंग्लैंड के खिलाफ गिल ने अभी तक खेले तीन टेस्ट मैचों में 29, 50, 0, 14, 11 और 15* रन बनाए हैं। गिल अभी तक अच्छी शुरुआत तो करने में कामयाब रहे है, लेकिन वह इसे बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाए हैं। वहीं बात मयंक अग्रवाल की करें तो भारत में उनका रिकॉर्ड बेहद ही शानदार रहा है।
दूसरा कारण - मयंक अग्रवाल का भारत में रिकॉर्ड
मयंक ने भारत में अभी तक खेली 6 इनिंग में 99.50 की बेहतरीन औसत से 597 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने दो दोहरे शतक और एक शतक लगाया था।
हाल ही में हुए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मयंक सलामी बल्लेबाज के रूप में पहली पसंद थे, लेकिन कंगारुओं की सरजमीं पर फ्लॉप होने और रोहित की एंट्री के बाद उन्हें तीसरे टेस्ट में बाहर बैठना पड़ा। वहीं तीसरे टेस्ट में हनुमा विहारी के चोटिल होने के बाद मयंक को ब्रिसबेन टेस्ट में टीम इंडिया में जगह मिली थी। मयंक ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 17, 9, 0, 5, 38 और 9 रन की पारी खेली थी। इस वजह से उन्होंने टीम से अपना स्थान खो दिया और वह इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में बैकअप ऑपनर के रूप में टीम इंडिया के स्क्वाड में शामिल है।
सीरीज के अंतिम टेस्ट में भारत अब गिल की जगह मयंक को मौका दे सकता है ताकि वो भारतीय सरजमीं पर कुछ रन बनाकर अपनी फॉर्म हासिल करें और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप व इंग्लैंड दौरे के लिए अपना दावा पेश कर सके।
तीसरा कारण - वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड दौरे से पहले की तैयारी
अगर भारत इंग्लैंड को तीसरे टेस्ट मैच में हरा देता है या फिर मैच ड्रॉ करा लेता है तो वह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना लेगा। यह मैच 18 जून को न्यूजीलैंड के खिलाफ क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर खेला जाएगा। भारत को इसके लिए अपने सलामी बल्लेबाजों को तैयार करने का आखिरी मौका होगा क्योंकि इस टेस्ट के बाद भारत के पास कोई भी टेस्ट सीरीज नहीं है और उसे सीधा अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला ही खेलना होगा।
खुदा-ना-खास्ता अगर फाइनल मुकाबले से पहले रोहित या गिल में से कोई चोटिल हो जाता है या किसी कारण से वह मैच में हिस्सा नहीं ले पाते तो मयंक अग्रवाल भारत के अगले मजबूत विकल्प होंगे। ऐसे में मयंक का भारतीय सरजमीं पर खेलना और उनके आत्मविश्वास वापस पाने से टीम इंडिया को आगामी बड़ी चुनैती के लिए फायदा होगा। इस लिहाज से भारत का अगेल टेस्ट मैच में गिल की जगह मयंक को मौका देना फायदे का सौदा साबित हो सकता है।