किसी भी टीम के लिए नंबर 4 का बल्लेबाज काफी अहम होता है। यह खिलाड़ी उप्री क्रम के फ्लॉप होने पर संयम से बल्लेबाजी करना भी जानता है और आखिरी ओवरों में तेजी से रन जुटाना भी। इस नंबर पर काफी रॉस टेलर, महेला जयवर्धने जैसे काफी खिलाड़ियों ने अपनी छाप छोड़ी है। भारत वर्ल्ड कप 2019 तक इस समस्या से जूझ रहा था, लेकिन अब श्रेयस अय्यर की टीम में एट्री होने के बाद भारत की यह समस्या भी दूर हो गई है।
अय्यर का लेकिन टीम इंडिया तक का सफर इतना आसान नहीं था। घरेलू क्रिकेट में लगातार परफॉर्म करने के बावजूद वह टीम इंडिया में जगह नहीं बना पा रहे थे। तब उन्हें चयनकर्ताओं ने अय्यर को उनकी कमियों के बारे में बताया जिसपर काम कर आज अय्यर ने टीम इंडिया में जगह पक्की की है।
क्रिकबज के स्पाइसी पिच शो में अय्यर ने कहा 'मैंने अपने दूसरे घरेलू सीजन में 1300 रन बनाए और टीम में नहीं चुना गया, मुझे उम्मीद थी कि मेरा सिलेक्शन हो जाएगा। बाकी खिलाड़ी टीम में चुने जा रहे थे और मुझसे आगे निकल रहे थे, उनका प्रदर्शन भी मेरे जितना अच्छा नहीं था।'
लगातार टीम में ना चुने जाने पर अय्यर ने चयनकर्ताओं से बात करने की सोची और उन्होंने बताया कि उनका चयन क्यों टीम इंडिया में नहीं हो रहा है। अय्यर ने आगे कहा,'मुझे लगा कि मुझे चयनकर्ताओं से जाकर पूछना चाहिए कि मेरे अंदर क्या कमी है। मैं गया और मैंने पूछा, उन्होंने मुझसे कहा, 'तुम अग्रेसिव खिलाड़ी हो, बड़े लेवल पर अगर कोई तुमको अच्छी गेंदबाजी करेगा, तो तुम क्रीज पर टिक नहीं सकोगे।' तो मैंने सोचा अब मैं वैसे खेलता हूं, जैसा चयनकर्चा चाहते हैं। मैंने सोचा देखता हूं कि इससे क्या मदद मिलती है। फिर मुझे समझ में आया कि विकेट पर टिकना कितना जरूरी है। जितना टिकता गया उतना कंसिस्टंट होता गया।'
टीम में ना चुने जाने पर अय्यर ने कहा,'मैं बहुत गुस्से में था और चिड़चिड़ हो गया था। हमेशा मैं इस बात पर चिड़चिड़ करता रहता था कि मैं टीम इंडिया में नहीं चुना गया। फिर मुझे समझ आया कि इस बारे में ज्यादा सोचने का फायदा नहीं। मैं अपनी बल्लेबाजी और जिंदगी को एन्जॉय कर रहा था। जब आप खुश होते हो तो आप रन बनाते हो। मैं फिर अपना काम करने लगा, जो रन स्कोर करना था। मुझे पता था कि एक दिन मैं चुन लिया जाऊंगा।'
अय्यर ने इसके बाद टीम इंडिया की कैप मिलने की बात करते हुए कहा, 'जब मुझे कैप मिला, मुझे लगा ठीक है, नॉर्मल, इतना कुछ महसूस नहीं हुआ मुझे।'