पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का कहना है कि उन्हें कभी अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान नस्लीय भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा। इस समय पूरी दुनिया में नस्लवाद के खिलाफ क्रिकेटर्स अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसी मुद्दे पर अब शोएब अख्तर ने बड़ा बयान दिया है।
शोएब अख्तर ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट टीम के साथ विदेश दौरों पर कभी भी भेदभाव का सामना नहीं किया। अख्तर ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भारत में कभी भी निशाना नहीं बनाया गया।
शोएब अख्तर ने 1999 के कोलकाता टेस्ट की उस घटना को याद किया जब सचिन तेंदुलकर के विवादास्पद परिस्थितियों में रन आउट होने के बाद ईडन गार्डन्स की भीड़ बेकाबू हो गई थी और अंतिम दिन मैच को रोकना पड़ा।
शोएब अख्तर ने हेलो ऐप पर अपनी बातचीत के दौरान कहा, "नहीं, मुझे कभी भी इसका (नस्लवाद) सामना नहीं करना पड़ा। मैंने एक बार इसका सामना किया था जब कोलकाता में सचिन रन आउट हो गए थे और भारतीय फैंस को लगा कि यह मेरी गलती है। उस समय थोड़ा बहुत हुआ था। लेकिन इसके बाद मैंने कभी इसका सामना नहीं किया।"
अख्तर ने कहा, "उस समय मुझे डर था कि मैं भारत में नस्लवाद का सामना कर सकता हूं या लोग पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगा सकते हैं या प्रशंसक कश्मीर मुद्दे पर नारे लगा सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "लेकिन ऐसा फिर कभी नहीं हुआ। और न ही पाकिस्तान में भारतीय खिलाड़ियों के साथ ऐसा कभी हुआ है। 2004-05 के भारत दौरे के दौरान मैं थोड़ा झिझक रहा था और भीड़ की तरफ थोड़ा पीछे हटने से डर रहा था लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।"
अख्तर ने बताया, "कोई हूटिंग नहीं थी, किसी ने किसी के रंग, नस्ल या धर्म से संबंधित कोई नारे नहीं लगाए। मैंने भारत या पाकिस्तान या ऑस्ट्रेलिया में इसके बारे में कुछ भी नहीं सुना।"
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच पूरी दुनिया में इन दिनों नस्लवाद का मुद्दा गर्माया हुआ है। अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद सभी जगह नस्लवाद के खिलाफ लोग अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं जिसमें वेस्टइंडीज के कई क्रिकेटर भी शामिल हैं।