अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी)में चुनावी फिजा गरमा सी गई है और ऐसा देखा जा सकता है कि कोलिन ग्रेव्स अगले आईसीसी चेयरमैन हो सकते हैं, क्योंकि मौजूदा चेयरमैन शशांक मनोहर का मानना था की इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्ल्यूआई) के बीच जो पैसों को लेनदेन हुआ था वह चुनावों को लेकर था, उनके इस दावे को एथिक्स अधिकारी ने मानने से इनकार कर दिया है।
एक पत्र में आईसीसी के जनरल काउंसेल के ऑफिस और कंपनी सेकेट्री ने आईसीसी चेयरमैन के हवाले से ईसीबी और सीडब्ल्यूआई के लोन के मामले को एथिक्स अधिकारी के सामने 30 अप्रैल को पेश किया था। अपने आदेश में एथक्सि अधिकारी ने अब चैयरमेन की चिंता को खारिज कर दिया है और कहा है कि उन्हें इस लेनदेन में चुनावों से संबंधित कुछ नहीं लगता। इस पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास है।
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पत्र में लिखा है, "मेरे सामने मौजूद सभी तथ्यों को देखने के बाद, और सभी पैराग्राफ देखने के बाद मैं इस बात को लेकर निश्चित हूं किसी भी पार्टी द्वारा किसी भी तरह से नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है। मेरी जांच में, मैं ईसीबी और सीडब्ल्यूआई के बीच हुए लोन, जो आईसीसी चेयरपर्सन के चुनावों के समय हुआ था, मैंने इसकी जांच की हैऔर मुझे अपनी जांच करने में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।"
पत्र में आगे लिखा है, "मैं प्रामाणित करता हूं कि, यह बिना किसी शक के साफ है, कि दोनों पार्टियां जो लोन में शामिल हैं, जिसमें हस्ताक्षर करने वाले भी शामिल हैं, जो कम समय के लिए व्यवसायिक समाधान चाहते थे, जिसकी जानकारी मानने योग्य है, उन्होंने सभी काम नियमों के हिसाब से किए हैं।"
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उन्होंने कहा, "मैं प्रमाणित करता हूं कि, मेरा यह मानना नहीं है कि लोन आने वाले आईसीसी चेयरपर्सन के चुनावों के लिए नहीं था।"
इसके बाद मनोहर के साथ काम कर चुके बीसीसीआई के पूर्व अधिकारी ने कहा कि अब ग्रेव्स के आईसीसी चेयरमेन बनने का रास्ता साफ होता दिख रहा है और वह 31 अगस्त को ईसीबी के चैयरमैन पद से इस्तीफा दे देंगे और अगले आईसीसी चेयरमैन के लिए वही पसंदीदा उम्मीदवार हैं।
उन्होंने कहा, "अपने प्रतिद्वंद्वी को इस तरह से हटाने का प्रयास सही लगता है। बीसीसीआई में, जब बोर्ड को एक लीडर की सबसे ज्यादा जरूरत थी तब उन्होंने आईसीसी का रूख कर लिया। मेरा मानना है कि कोलिन के खिलाफ शिकायत का मतलब है कि कोलिन उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी थे।"