बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की सदस्य शांता रंगास्वामी ने बीसीसीआई पदाधिकारियों को पत्र लिखकर 30 सितंबर से ऑस्ट्रेलिया में होने वाले महिला टीम के दिन रात के ऐतिहासिक टेस्ट से पहले घरेलू स्तर पर गुलाबी गेंद के टूर्नामेंट के आयोजन की मांग की है। भारत की पूर्व कप्तान रंगास्वामी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण घरेलू सत्र के मैच नहीं होने की भरपाई महिला क्रिकेटरों के लिये भी उसी तरह से होनी चाहिये, जैसे पुरूष क्रिकेटरों के लिये हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि हालात सुधरने पर भारत ए टीम के दौरे भी होने चाहिये। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा ,‘‘हमें उनके सुझाव मिल गए हैं। हम देखेंगे कि उन पर कैसे अमल किया जा सकता है ।’’?
यह भी पढ़ें- भारत के अलावा 16 अन्य देशों ने आईसीसी के इन टूर्नामेंटों की मेजबानी के लिए दिखाई दिलचस्पी
रंगास्वामी से बात नहीं हो सकी लेकिन उन्होंने पत्र में पुरूष टीम का उदाहरण दिया जिसे ऑस्ट्रेलिया में गुलाबी गेंद के सामने दिक्कत आई। विराट कोहली की टीम एडीलेड टेस्ट में 36 रन पर सिमट गई थी जिसके बाद शानदार वापसी करके श्रृंखला जीती। रंगास्वामी ने पत्र में लिखा ,‘‘ बीसीसीआई के प्रयासों से भारतीय महिला टीम ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट खेला।’’
यह भारत की महिला टीम का सात साल बाद पहला टेस्ट था। भारतीय टीम पर्थ में गुलाबी गेंद से टेस्ट खेलेगी। रंगास्वामी ने कहा कि टीम को इससे पहले अभ्यास की जरूरत है। उन्होंने कहा ,‘‘ बीसीसीआई ने 2018 से अधिक दिन वाले मैच घरेलू क्रिकेट में बंद कर दिये हैं लिहाजा हमारी महिला टीम ने लाल गेंद से खेला ही नहीं है। टीम को श्रेय जाता है कि वह इंग्लैंड से ड्रॉ कराने में कामयाब रही। पर्थ में दूधिया रोशनी में खेलना चुनौतीपूर्ण होगा। इससे पहले घरेलू स्तर पर उन्हें गुलाबी गेंद से खेलने के अभ्यास की जरूरत है।’’
यह भी पढ़ें- डोप टेस्ट में नकाम रहने वाले पहलवान सुमित मलिक दो साल के बैन को देंगे चुनौती
उन्होंने कहा ,‘‘ समय के अभाव के कारण आईपीएल महिला चैलेंज भी खटाई में है तो मैं अपील करती हूं कि गुलाबी गेंद से खेलने की अभ्यस्त होने के लिये महिला खिलाड़ियों को चार टीमों में बांटकर दो दिवसीय मैच खेलने का मौका दिया जाये।’’