ब्लैक लाइव मैच का अभियान जहां पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है और लोग इसका समर्थन कर रहे हैं, उसी बीच ऑस्ट्रेलियाई पूर्व स्पिनर शेन वॉर्नर भारतीय बल्लेबाज पर रंगभेद से जुड़े विवाद बयान की वजह से फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं।
एडिलेड में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के पहले दिन के दौरान शेन वॉर्न ने कई बार चेतेश्वर पुजारा को 'स्टीव' कहकर पुकारा था। अब आप सोच रहे होंगे कि स्टीव नाम में क्या बुराई है।
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बता दें हाल ही में नस्लवाद के आरोपों से यॉर्कशर काउंटी घिरी थी। क्रिकेटर अजीम रफीक के दावों का समर्थन करते हुए उसके पूर्व कर्मचारियों ने कहा कि भारत के चेतेश्वर पुजारा को भी एशियाई होने और चमड़ी के रंग के कारण ‘ स्टीव’ बुलाया जाता था।
वेस्टइंडीज के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी टीनो बेस्ट और पाकिस्तान के राणा नावेद उल हसन ने रफीक के आरोपों के समर्थन में सबूत पेश किये थे। उनके आरोपों की जांच चल रही है।
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ईएसपीएन क्रिकइन्फो के अनुसार यॉर्कशर के दो पूर्व कर्मचारियों ताज बट और टोनी बाउरी ने क्लब में संस्थागत नस्लवाद के खिलाफ सबूत दिये हैं। यॉर्कशर क्रिकेट फाउंडेशन के साथ सामुदायिक विकास अधिकारी के तौर पर काम कर चुके बट ने कहा,‘‘एशियाई समुदाय का जिक्र करते समय बार बार टैक्सी चालकों और रेस्तरां में काम करने वालों का हवाला दिया जाता था।’’
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उन्होंने कहा,‘‘एशियाई मूल के हर व्यक्ति को वे ‘स्टीव’ बुलाते थे । भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को भी स्टीव कहा जाता था क्योंकि वे उनके नाम का उच्चारण नहीं कर पाते थे।’’ बट ने छह महीने के भीतर ही इस्तीफा दे दिया था।
शेन वॉर्न के इस कमेंट के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हुई और कई ट्विटर यूजर्स ने तो उन्हें माफी मांगने के लिए भी कहा।