भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने बुधवार को खुलासा किया कि घुटने में फ्रेक्चर के बावजूद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हुआ विश्व कप 2015 खेला था। शमी ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान के साथ इंस्टाग्राम लाइव सत्र के दौरान इस चोट का खुलासा किया।
मोहम्मद शमी ने कहा, "वर्ल्ड कप 2015 के समय मेरा घुटना चोटिल हो गया था। मैं मैच के बाद चल भी नहीं पाता था। मैं फिजियो नितिन पटेल ने के विश्वास के कारण खेल पाया। पहले ही मैच में मेरा घुटना फ्रैक्चर हो गया। मेरी जांघे और घुटने एक जैसे हो गए थे। डॉक्टर्स रोजाना उसमें से फ्लूड निकालते थे। मैं रोजाना तीन पेनकिलर्स लेता था।"
चोट के बावजूद शमी ने 2015 वर्ल्ड कप में 7 मैचों में 17.29 की औसत से 17 विकेट झटके थे। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 35 रन देकर चार विकेट रहा। शमी से ज्यादा भारत की ओर से उमेश यादव ने टूर्नामेंट में 18 विकेट चटकाए। लाइव चैट के दौरान शमी ने पूर्व कप्तान एमएस धोनी का भी जिक्र किया जिनके प्रोत्साहन की बदौलत शमी पूरा टूर्नामेंट खेल पाए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से जुड़ा एक किस्सा भी साझा किया।
शमी ने कहा, "मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल से अपनी टीम के साथियों से कह दिया था कि इस चोट के साथ मैं ये मुकाबला नहीं खेल पाउंगा। इसके बाद माही भाई और टीम प्रबंधन ने मेरा काफी आत्मविश्वास बढ़ाया। उन्होंने कहा कि यह सेमीफाइनल मुकाबला है जिसमें हम नए गेंदबाज के साथ मैदान पर नहीं उतर सकते।
उन्होंने आगे बताया, "माही भाई ने मुझसे कहा कि तुझ पर पूरा भरोसा है। कोई नया गेंदबाज भी रन लुटाएगा। तुम 60 रन से ज्यादा मत देना। मैं इतनी खराब हालत में गेंदबाजी नहीं किया था। मुझे लग रहा था कि मेरा करियर खत्म हो जाएगा लेकिन भगवान का शुक्रिया कि मैं अभी फिट हूं और खेल पा रहा हूं।"
गौरतलब है कि पूरे देश में लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है जिसके चलते आईपीएल 2020 को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में सभी क्रिकेटर्स अपने घरों में कैद हैं और फैंस और साथी खिलाड़िय़ों से बात करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं।