भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच का चुनाव रहस्य-रोमांच से भरपूर रहा हालंकि स्टाफ को लेकर अभी भी रस्साकशी चल रही है। रवि शास्त्री प्रमुख कोच बन गए हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था जब भारत के पूर्व ओपनर वीरेंदर सहवाग रेस में सबसे आगे थे। ख़बरों के अनुसार सहवाग कप्तान विराट कोहली की पहली पसंद थे और सलाहकरा समिति के सदस्य सौरव गांगुली भी काफी हद तक सहवाग के पक्ष में थे लेकिन फिर कुच ऐसा हुआ कि पूरा फ़ोकस शिफ्ट होकर शास्त्री की तरफ चला गया और उन्होंने बाज़ी भी मार ली।
अंग्रेज़ी दैनिक 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के अनुसार सहवाग कोच की रेस से इसलिए बाहर हो गए, क्योंकि वह अपना खुद का स्टाफ चाहते थे और इसी मुद्दे पर उनकी कोहली से नहीं बनी। कोहली पुराने कोचिंग स्टाफ के पक्ष में थे।
सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर कोहली सहवाग से सहमत नहीं थे। उनका कहना था कि यहां सपोर्ट स्टाफ है, जिसने काफी समय से टीम के साथ काम किया है। कई लोग ऐसे भी हैं, जो व्यक्तिगत तौर पर टीम के हर एक खिलाड़ी की जरूरत समझते हैं। कोहली ने ये भी कहा कि शास्त्री वर्क एथिक्स की अहमियत जानते हैं. उन्हें मौजूदा सपोर्ट स्टाफ ने ही आगे रखा था, जिन्होंने उनके साथ 3 साल काम किया है।
कोहली और सहवाग के बीच में पेशेवर रिश्ता इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि सहवाग ने यह प्रपोज़ल रखा था कि वह अपने साथ टीम के फिज़ियोथेरेपिस्ट के रूप में अमित त्यागी और किंग्स इलेवन पंजाब के असिस्टेंट कोच मिथुन मनहास को लेकर आएंगे। सहवाग आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट ऑपरेशन हैं।