मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक है। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कोहली ने अपना दबदबा कायम कर रखा है। हालांकि करियर के शुरुआत में बाकी खिलाड़ियों की तरह कोहली को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, जब उनके बल्ले से रन नहीं निकल पा रहे थे।
विराट कोहली ने साल 2011 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था और शुरुआत के तीन मैचों में उनकी बल्लेबाजी काफी निराशाजनक रही थी। वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू करने वाले विराट तीन मैचों में सिर्फ 76 रन ही बना पाए थे।
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ऐसे में इंग्लैंड दौरे से विराट कोहली को बाहर कर दिया। हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में उन्हें मौका दिया जहां उन्होंने दो अर्द्धशतकीय पारी खेली। इसके बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई जहां कोहली को भी टीम शामिल किया गया था। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी शुरुआत के दो मैचों की चार पारियों में कोहली की बल्लेबाजी काफी खराब रही लेकिन इसके बावजूद उन्हें टीम में लगातार मौका दिया गया।
पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क के साथ बातचीत में बताया कि कैसे उस समय के तत्कालिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी दो मैचों में निराशाजनक बल्लेबाजी के बावजूद विराट कोहली को टीम में बनाए रखा और उनके सपोर्ट में रहे।
मांजरेकर ने कहा, ''मेलबर्न और सिडनी टेस्ट के बाद तीसरा मुकाबला पर्थ में खेला गया था। पर्थ टेस्ट में कोहली ने शानदार बल्लेबाजी की और पहली पारी में 44, जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 75 रन बनाए।''
उन्होंने कहा, ''सीरीज का आखिरी मुकाबला एडिलेड में खेला गया। पर्थ टेस्ट के बाद मिले आत्मविश्वास से कोहली की बल्लेबाजी और मजबूत हुई और उन्होंने एडिलेड में शतक जड़ दिया। टेस्ट क्रिकेट में उनका यह पहला शतक। यहां तक उस पूरे सीरीज में कोहली इकलौते बल्लेबाज थे जिन्होंने शतक लगाया था।''
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हालांकि कोहली ने आखिरी टेस्ट में दमदार बल्लेबाजी की लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया को 0-4 से सीरीज गंवानी पड़ी लेकिन एक चीज जो भारत के पक्ष में रहा वह था विराट कोहली का अपने रंग में आना।
इसके बाद भारत साल 2014 में फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई जहां कोहली को कप्तान भी बनाया गया। इस दौरे पर कोहली अपने असली रूप में दिखे। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेले गए बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में कोहली ने 692 रन बनाए थे।
इस दौरे के बाद से कोहली टेस्ट क्रिकेट में फिर कभी पीछे पलट कर नहीं देखा और तब से लेकर आज तक गेंदबाजों में मन विराट कोहली का एक भय बन गया है।
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आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम इस ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जहां उस चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। इससे पहले टीम इंडिया तीन वनडे और तीन टी-20 मैच खेल चुकी है और टेस्ट सीरीज की शुरुआत 17 दिसंबर से एडिलेड में हो रहा है। ऐसे में भारतीय टीम की कोशिश की होगी कि पहले मैच में जीत दर्ज कर सीरीज में एक सकारात्मक शुरुआत करें।
हालांकि भारतीय टीम के लिए टेस्ट सीरीज आसान नहीं रहने वाला हैं क्योंकि कप्तान विराट कोहली पहले मैच के बाद वापस भारत आ जाएंगे। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई टीम चुनौती थोड़ी कम जरूर हो जाएगी।