भारत के पूर्व विकेटकीपर चंद्रकांत पंडित ने अपने पूर्व साथी संजय मांजरेकर का बचाव किया हैं जिन्हें हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कमेंट्री पैनल से हटा दिया गया था। पूर्व क्रिकेटर से कोच बने चंद्रकांत पंडित ने कहा कि वह संजय मांजरेकर को बचपन से जानते हैं और भारत के पूर्व बल्लेबाज एक सीधे इंसान हैं। पंडित ने कहा कि संजय मांजरेकर अपनी बात रखने के लिए लोगों को हर समय खुश करने के लिए बातें नहीं कह सकते हैं और बीसीसीआई से कमेंटेटर के पैनल से अपने फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है।
चंद्रकांत पंडित ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "मैं उसे बचपन से जानता हूं। वह ऐसा आदमी नहीं है जो किसी को नुकसान पहुंचा सकता है। वह साफ बोलने वाला इंसान है और मैं हमेशा उसकी प्रशंसा करता हूं। जो व्यक्ति आपके सामने सच बोलता है वह कभी किसी को पसंद नहीं आता है। एक कमेंटेटर के तौर पर उसे कभी-कभी ऐसी बातें कहनी पड़ती हैं जो शायद सभी को पसंद न आए। वह सिर्फ उन चीजों को नहीं कह सकता जो लोगों को खुश करती हैं और वो भी सिर्फ अपनी नौकरी बचाए रखने के लिए।"
उन्होंने आगे कहा, "संजय किसी के खिलाफ नहीं है। मैं किसी को भी उसके हटाए जाने के लिए दोष नहीं देना चाहता, लेकिन मैं बोर्ड से अनुरोध करता हूं कि वह अपने फैसले के बारे में पुनर्विचार करे। मैं यह इसलिए कह रहा हूं क्योंकि सभी कमेंटेटर खेल के बारे में जानकारी देते हैं जो न केवल युवा क्रिकेटर्स के लिए बल्कि हमारे जैसे कोच के भी लिए फायदेमंद हैं।
पंडित ने बताया, "वह कई बार कठोर लग सकता है, लेकिन बीसीसीआई उसे अपनी भाषा में थोड़ा बदलाव के लिए कह सकती है, लेकिन उसे इस तरह उसके काम से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। बहुत से लोग सीधी बातें सुनना पसंद करते हैं, अगर कोई बल्लेबाज महत्वपूर्ण स्थिति में खराब शॉट खेलता है, तो वह ऑन एयर उसे कह सकता है। इसमें क्या गलत है?"
गौरतलब है कि बीसीसीआई कमेंटरी पैनल से हटाये जाने के बाद भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कहा था कि वह हमेशा कमेंटरी को सम्मान मानते आये हैं और पेशेवर होने के नाते इस फैसले को स्वीकार करते हैं। मांजरेकर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘मैंने हमेशा ही कमेंटरी को सम्मान माना है लेकिन कभी मैंने खुद को इसका हकदार नहीं माना। यह मेरे नियोक्ता पर निर्भर है कि वे मुझे इस काम के लिये चुनते हैं या नहीं और मैं हमेशा ही इसका सम्मान करूंगा। शायद पिछले कुछ समय से बीसीसीआई मेरे काम से खुश नहीं था। बतौर पेशेवर मैं इसे स्वीकार करता हूं।’’