Samip Rajguru Blog: बहेलिया आएगा,दाना डालेगा, जाल में फंसना नहीं। चिड़ियां और बहेलिया की ये कहानी आपने भी कई बार सुनी होगी। टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने भी इसी फलसफे पर प्रोटियाज का काट ढूंढ़ा। बकायदा मुकाबले से पहले गेंद छोड़ने की जमकर प्रैक्टिस कराई । लेकिन जिस तरह मुरली विजय, शिखर धवन और विराट कोहली आउट हुए, गेंद छोड़ने के बदले गलत शॉट खेलकर विकेट गवां बैठे उससे साफ हो गया कि केपटाउन में मुकाबला टीम इंडिया के लिए आसान नहीं है। चेतेश्वर पुजारा और रोहित शर्मा की जोड़ी पर टीम इंडिया की पारी बचाने का अतिरिक्त दवाब बन गया है। अब केपटाउन टेस्ट के दूसरे दिन का पहला सेशन रोहित और पुजारा की जोड़ी के लिए एसिड टेस्ट की तरह होगा । दूसरे दिन का पहला सेशन बिना नुकसान के अगर टीम इंडिया निकाल लेती है और 100 के करीब रन बन जाते हैं तो कोई शक नहीं कि मैच में पलड़ा एक बार फिर बराबरी का हो जाएगा।
वैसे टीम इंडिया के गेंदबाजों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। जिस तरह भुवनेश्वर कुमार ने एक के बाद एक झटका दिया वो काबिले तारीफ रहा। बुमराह ने भी एबी डिविलियर्स जैसे दिग्गज बल्लेबाज को आउटकर, टेस्ट करियर के अपने पहले विकेट को यादगार बना दिया। विराट के लिए केपटाउन में अश्विन का लय में दिखना और कारगर साबित होना थोड़ी खुशी जरुर लेकर आई होगी। लेकिन विराट के लिए सबसे बड़ी चिंता ये होगी कि बल्लेबाजी के मोर्चे पर कैसे दुरुस्त वापसी की जाए। विदेशी पिच पर विराट कोहली को उपकप्तान अजिक्य रहाणे और केएल राहुल के महत्व को भी समझना होगा।
फिलहाल केपटाउन में टीम इंडिया की जीत कैसे पक्की हो, इसके लिए जरुरी है कि टीम मैनेजमेंट हर सेशन को लिहाज में रखकर अपनी रणनीति बनाएं। हर बल्लेबाज को सेशन के हिसाब से क्रीज पर टिकने और रन बनाने का टारगेट दे। गेंद हिट करने से ज्यादा गेंद छोड़ने की रणनीति पर अमल हो। कुछ वैसे ही जैसे दक्षिण अफ्रीका ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों को हिसाब में रखकर अपनी रणनीति बनाई थी और जिसकी झलक विराट कोहली को आउट करने के बाद मोर्ने मोर्केल और पूरी टीम के चेहरे पर दिखी।