भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता का कहना है कि बॉल को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध से निश्चित रूप से गेंदबाज प्रभावित होंगे क्योंकि ये गेंदबाजी का कारगर हथियार है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) क्रिकेट समिति ने गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है क्योंकि उन्हें डर है कि यह COVID-19 प्रसार का कारण बन सकता है।
दासगुप्ता ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, "यह गेंदबाजों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हथियार है। उस मायने से यह एक बड़ी बात है। इसलिए वे कैसे इसके अभ्यस्त होंगे, ये देखने के लिए हमें इंतजार करना होगा। जाहिर तौर पर यह एक बड़ी बात है।"
इससे पहले भारत के स्पिनर हरभजन सिंह ने टेस्ट में 2 नई गेंदों के इस्तेमाल करने का सुझाव दिया था, जबकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया गेंदों पर कीटाणुनाशक का उपयोग करने पर विचार कर रहा है।
दासगुप्ता ने समझाया, "ठीक है, उन्हें एक रास्ता खोजना होगा। यह एक संभावना है। देखें लार एक बहुमुखी उपकरण है। आप गेंदों को बदलने की बात कर रहे हैं ताकि यह तेज गेंदबाजों में अंतर पैदा कर सके। लेकिन जब स्पिनर उपमहाद्वीप के बाहर जाएंगे तब क्या होगा। मैं समझ सकता हूं कि यह तेज गेंदबाजों को मदद करेगा, यहां तक कि कुछ हद तक स्पिनरों को भी करेगा।"
बता दें, क्रिकेटर गेंद को चमकाने के लिए लार और पसीने का लंबे समय से इस्तेमाल करते आए हैं। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण कई क्रिकेटरों ने गेंदबाजी के दौरान इस तरह की चीजों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है।
दीप दासगुप्ता का मानना है कि ऐसा कुछ भी नहीं हैं जो लार की जगह ले सकता है क्योंकि यह खेल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है और इसे सिस्टम से बाहर करना काफी मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, "लार को हटाना बहुत मुश्किल है। यह आपको सामान्य स्विंग में मदद करता है, यह आपको रिवर्स स्विंग में मदद करता है। यहां तक कि स्पिनरों के लिए स्पिन में सहायक होता है। यह स्पष्ट रूप से गेंदबाजों को प्रभावित करेगा। मैं ऐसा कुछ भी नहीं लगता जो इसकी जगह ले सके।"
लार की उपयोगित पर दास ने कहा, "लार पर प्रतिबंध का फैसला वास्तव में बल्लेबाज और विकेटकीपरों को प्रभावित करने वाला नहीं है। यह बल्लेबाज के स्किल लिए पक्ष को भी प्रभावित नहीं करेगा। हमें सावधान रहना होगा। लार क्रिकेट का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। जब एक बल्लेबाज गेंद को हिट करता है तो फील्डर लार का इस्तेमाल कर इसे चमकाता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह हमेशा से खेलों का प्रभावशाली हिस्सा रहा है, इसलिए इसे क्रिकेट से बाहर निकालना कठिन होगा।"