इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान जो रूट को लगता है कि कोरोनावायरस के बाद जब मैच शुरू होंगे और उसमें लार पर बैन लगा होगा तो इससे गेंदबाजों को फायदा मिलेगा। रूट के अनुसार गेंदबाज इस स्थिति में पिच से मदद पाने के लिए अधिक प्रयास करेंगे। बता दें, अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली क्रिकेट समिति इस महामीर के बाद जब मैच शुरु होंगे तो उसमें लार पर बैन लगाने की बात कर रही है। जबकि पसीने के इस्तेमाल को उन्होंने हानिकारक नहीं बताया है।
इस मुद्दे पर इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने मेट्रो डॉट सीओ डॉट यूके से कहा "हमारे पक्ष में और कौशल स्तर ऊपर काम करते हैं। जब आपको समान्य रूप से मिलने वाली सहायता नहीं मिलेगी तो मतलब है कि आपको अपनी सटीकता में सुधार करना होगा।"
रूट ने आगे कहा "इस स्थिती से बाहर निकलने के लिए खिलाड़ियों को कुछ तो करना होगा। चाहे वह थोड़ा अधिक प्रयास हो, अपने कोणों में बदलाव करना हो या फिर वॉबल सीम का इस्तेमाल करना हो जो उनके पास नहीं है।"
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रूट ने कहा कि खिलाड़ी अगर प्रयास करेंगे तो उनमें चार से पांच हफ्तों के बीच बदलाव आना शुरू हो जाएगा। रूट ने कहा "इसे डेवलप करने में हमारे गेंदबाजों को चार से पांच हफ्ते का समय लगेगा।"
गेंद पर लार के इस्तेमाल ना करने पर क्रिकेट जगत दो हिस्सों में बट चुका है। कुछ सुरक्षा कारणों को देखते हुए इस बैन का साथ दिखाई देते हुए दिखाई दे रहे हैं तो कुछ खिलाड़ियों का कहना है कि इससे क्रिकेट नष्ठ हो जाएगा और यह सिर्फ बल्लेबाजों का खेल ही रह जाएगा।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने कहा था कि अगर लार पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो गेंद को चमकाने के लिए कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल को मंजूरी दी जानी चाहिए।
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कमिंस ने क्रिकेट डॉट कॉम वेबसाइट से कहा, "अगर हम लार के इस्तेमाल को खत्म कर देते हैं, तो हमारे पास एक और विकल्प होना चाहिए। पसीना बुरा नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि हमें उससे कहीं अधिक कुछ चाहिए, आदर्श रूप से। जो कुछ भी है, मोम या मुझे नहीं पता कि क्या।"
कमिंस ने आगे कहा, "अगर विज्ञान हमें बता रहा है कि लार के इस्तेमाल से कोरोना वायरस का जोखिम है तो हमें अन्य विकल्प खुले रखने चाहिए। चाहे वह पसीना हो या कुछ फिर कोई कृत्रिम पदार्थ।"