क्रिकेट की दुनिया में जब कोई खिलाड़ी अपना कदम रखता है तो वह सफलता की उन ऊंचाइयों को छूना जाहता है जहां पूरा विश्व उसे अपने नाम से पहचाने। इस मुकाम को हासिल करने के लिए खिलाड़ी को अपने टेलेंट और जज्बे के साथ-साथ एक आदर्श खिलाड़ी की जरूरत होती है जिसके नक्शेकदम पर चल सके। अगर उसका आदर्श उसका पिता ही हो तो इससे बड़ी बात कुछ हो ही नहीं सकती।
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यहां हम बात कर रहे हैं क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर की। अभी तक हमने अर्जुन को नेट्स बॉलर के रूप में या छोटे-छोटे टूर्नामेंट में ही खेलता हुआ देखा था, लेकिन उन्होंने ने आज 21 साल की उम्र में सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में मुंबई की सीनियर टीम से डेब्यू करके यह साफ कर दिया है कि वह अब बड़े टूर्नामेंट में खेलने को तैयार हैं।
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अर्जुन ने आज अपना डेब्यू हरियाणा की टीम के खिलाफ किया, अब आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि सचिन तेंदुलकर ने अपना आखिरी घरेलू मैच इसी टीम के खिलाफ खेला था। जी हां, सचिन ने हरियाणा के खिलाफ 2013 में अपना आखिरी रणजी मैच खेला था, उसमें उन्होंने पहली पारी में 5 और दूसरी पारी में नाबाद 79 रन की पारी खेली थी। अंतर सिर्फ इतना था कि सचिन के समय मुंबई ने हरियाणा को हार का स्वाद चखाया था, वहीं अर्जुन के समय मुंबई को हार का सामना करना पड़ा।
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सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मुंबई और हरियाणा के बीच हुए मुकाबले में मुंबई ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। मुंबई पूरे 20 ओवर भी नहीं खेल पाई और पूरी टीम 143 रन पर ढेर हो गई। बल्ले से अर्जुन को कुछ कमाल दिखाने का मौका नहीं मिला क्योंकि उन्हें नंबर 11 पर भेजा गया था और वह बिना गेंद खेले नाबाद पवेलियन लौटे।
इसके बाद हर किसी की निगाहें अर्जुन की गेंदबाजी पर टिकी थी। अर्जुन ने अपने दूसरे ही ओवर में चैतन्य बिश्नोई को आउट कर डेब्यू विकेट लिए। हालांकि अर्जुन इस मैच के दौरान काफी महंगे साबित हुए थे और उन्होंने तीन ओवर में एक विकेट लेकर कुल 34 रन खर्च किए थे, लेकिन जैसे-जैसे उन्हें सीनियर टीम में खेलने का अनुभव मिलेगा, वैसे वैसे वह अपने खेल में सुधार करते जाएंगे। उम्मीद है, वह एक दिन अपने पिता के सपने को पूरा करते हुए नीली जर्सी में भारत के लिए क्रिकेट खेलते हुए दिखाई देंगे।