नई दिल्ली। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने यो-यो टेस्ट को लेकर बड़ी बातें कही हैं। साथ ही उन्होंने उन खिलाड़ियों का भी समर्थन किया है जो बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद यो-यो टेस्ट में फेल हो गए और टीम में जगह नहीं बना पाए। दरअसल यो-यो टेस्ट को लेकर हाल के दिनों में बीसीसीआई और टीम इंडिया प्रबंधन का रुख काफी कड़ा रहा है।
इसके चलते कई बड़े खिलाड़ियों को टीम में मौका नहीं मिला। अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच से पहले मोहम्मद शमी को भी बाहर कर दिया गया था क्योंकि वे यो-यो टेस्ट में फेल हो गए थे। इसके अलावा यो-यो टेस्ट में नाकाम होने के कारण अंबाती रायुडू और संजू सैमसन को भी इंडिया ए टीम की ओर से इंग्लैंड के दौरे पर जाने का अवसर नहीं मिल पाया था। यहां तक कि अंबाती रायुडू को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए चुना गया था लेकिन यो-यो टेस्ट में फेल होने के कारण उनकी जगह सुरेश रैना को भेजा गया।
अब यो-यो टेस्ट को लेकर सचिन तेंदुलकर ने बड़ी बात कही है। सचिन ने कहा कि उन्हें डर है कि फिटनेस के नाम पर टैलेंटेड खिलाड़ी क्रिकेट के पूल से बाहर न हो जाएं। गौरतलब है कि क्रिकेट में यो-यो टेस्ट को इतना अधिक महत्व दिए जाने को लेकर कई पूर्व खिलाड़ी सवाल उठा चुके हैं।
सचिन ने कहा, "मैंने यो-यो टेस्ट नहीं दिया है मगर हमारे समय में इसी से मिलता-जुलता बीप टेस्ट होता था। यो-यो टेस्ट महत्वपूर्ण है लेकिन यही इकलौता मापदंड नहीं होना चाहिए। फ़िटनेस के साथ-साथ खिलाड़ी की क्षमता भी देखनी चाहिए।" हालांकि सचिन की इस सख्ती का क्या असर होता है ये तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा लेकिन एक बात तो साफ है कि खिलाड़ियों के लिए टीम में जगह बनाने का सबसे बड़ा जरिया फिलहाल तो यो-यो टेस्ट को पास करना ही है।