भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर कहा है कि मौजूदा वनडे क्रिकेट नियमों पर गौर किए जाने की जरूरत है। कई लोगों का मानना है कि वनडे के मौजूद नियम बल्लेबाजों के लिए ज्यादा अनुकूल हैं। वनडे के मौजूदा नियमों की बात की जाए तो मैच में दो नई सफेद गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मैच की एक पारी में पावर प्ले का नियम भी है जिसे तीन भागों में बांटा गया है। इस दौरान फील्डिंग करने वाली टीम को 30 गज के घेरे के बाहर एक निश्चित संख्या में फील्डर रखने की इजाजत होती है।
वनडे मैच की एक पारी में 1-10 ओवर के पहले पावर प्ले में केवल दो खिलाड़ी 30 गज के घेरे के बाहर होते हैं। दूसरा पावर प्ले 11वें ओवर से 40वें ओवर तक का होता है जिसमें केवल चार खिलाड़ी 30 गज के घेरे के बाहर रखे जाते हैं। वहीं, आखिरी के 10 ओवर में 5 खिलाड़ी 30 गज के घेरे के बाहर होते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तेंदुलकर और गांगुली के पार्टनरशिप के आंकडें फैंस के साथ साझा किए। ICC ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखा, '' वनडे में किसी अन्य जोड़ी ने 6,000 रन भी पार नहीं किए हैं।"
आईसीसी का ये ट्वीट सचिन तेंदुलकर को काफी पसंद आया और उन्होंने सौरव गांगुली और आईसीसी को टैग करते एक मजेदार ट्वीट कर दिया। सचिन ने लिखा, "पुरानी यादें ताजा हो गई दादी (सौरव गांगुली). आपको क्या लगता है कि रिंग (30 गज) के बाहर सिर्फ चार फील्डर रखने और 2 नई बॉल के साथ हम कितने रन और बनाने में कामयाब होते?"
सचिन के इस ट्वीट का सौरव गांगुली ने भी मजेदार अंदाज में जवाब दिया। गांगुली ने ट्वीट में लिखा, "हम दोनों मिलकर 4000 रन ज्यादा बनाने में सफल होते। 2 नई बॉल। वाह, ऐसा लग रहा है जैसे पहले ही ओवर में कवर ड्राइव से चौका जड़ दिया हो और अगले 50 ओवर तक यही सिलसिला जारी है।"
सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के नाम सलामी जोड़ी के तौर पर सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। सचिन और गांगुली ने वनडे में सलामी जोड़ी के तौर पर 136 पारियों में 49.32 की औसत से 6609 रन बनाए हैं। इस दौरान दोनों के बीच 21 शतकीय साझेदारी और 23 अर्धशकीय साझेदारी हुईं।
भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह भी इसमें शामिल हुए और उन्होंने लिखा, "आराम से कुछ और हजार रन.. कितने खराब नियम हैं.. बल्ले और गेंद में सुंतलन बनाए रखने के लिए आईसीसी में गेंदबाजों की जरूत है। जब टीम 260/270 बनाती हैं तो मैच ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो जाता है आज के दौर में हर कोई 320/330 का स्कोर बना रहा है और इतना लक्ष्य हासिल भी कर रहा है।"
हरभजन के ट्वीट पर सचिन ने बुधवार को जवाब दिया और लिखा, "आपसे सहमत हूं भज्जी। मुझे भी लगता है कि नियम और पिचों पर ध्यान देना चाहिए।" बता दें, सचिन लंबे समय से वनडे में दो नई गेंदों के आलोचक रहे हैं। उनका मानना रहा है कि इससे गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग नहीं मिलेगी।