नई दिल्ली। ऐसा लग रहा था कि बांग्लादेश नागपुर में खेले गए तीसरे मैच में जीत दर्ज कर भारत को तीन मैचों की टी-20 सीरीज में पटक कर इतिहास रच देगा लेकिन तभी राजस्थान से आने वाले तेज गेंदबाज दीपक चहर ने हैट्रिक ले मैच की हवा बदल दी। परिणाम भारत के पक्ष में रहा और मेजबान टीम ने सीरीज 2-1 से अपने नाम की।
चहर ने सबसे पहले सलामी बल्लेबाज लिटन दास का विकेट लिया था। इसके बाद 13वें ओवर में वापसी करते हुए उन्होंने बांग्लादेश की फजीहत शुरू की। बाकी की बात इतिहास के पन्नों में आ गई क्योंकि चहर के हिस्से हैट्रिक सहित खेल से सबसे छोटे प्रारूप सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़े आ गए। चहर ने चार ओवरों में सात रन देकर छह विकेट अपने नाम किए।
यह टी-20 में किसी भी गेंदबाज द्वारा किया गया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
चहर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि जहां हर कोई उनकी हैट्रिक और गेंदबाजों के विपरीत स्थिति में उनके द्वारा किए गए प्रदर्शन की तारीफ कर रहा है उसकी वजह इस सीरीज में भारत की कप्तानी कर रहे रोहित शर्मा का उन पर जताया गया विश्वास है।
उन्होंने कहा, "रोहित भाई ने कहा था कि मैं तुझे बुमराह की तरह इस्तेमाल करूंगा। मैं तुझे अहम समय पर गेंदबाजी कराऊंगा और इससे मुझे प्ररेणा मिली। मुझे जब दबाव में जिम्मेदारी दी जाती है तो मुझे यह पसंद आता है क्योंकि इससे मुझे लगता है कि मुझे पर भरोसा किया जा रहा है। जब कोई मुझ पर भरोसा नहीं करता है तो मुझे बुरा लगता है। कप्तान से इस तरह का आत्मविश्वास मिला वो भी इस तरह के नाजुक मोड़ पर, मेरे लिए यह अच्छी बात है।"
चहर ने हालांकि बुमराह से अपनी तुलना को तवज्जो नहीं दी और कहा कि बुमराह नंबर-1 गेंदबाज हैं इसमें कोई शक नहीं और उनसे तुलना किए जाना उनके लिए सम्मान की बात है।
उन्होंने कहा, "ईमानदार होना चाहिए। मैं जानता हूं कि वो कहां हैं। मैं यह भी जानता हूं कि मैं कहां हूं। वह टी-20 में नंबर-1 गेंदबाज हैं। उनके पास सबकुछ है, चाहे तेजी हो या नियंत्रण। वह मेरे लिए नंबर-1 गेंदबाज हैं और मुझे यह कहने में किसी तरह की शर्म नहीं हैं। मैं उनसे प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहा हूं और मेरा काम अच्छा करना है। आपको अपने खेल पर ध्यान देना होता है और टीम को जीतना चाहिए, यह आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "जब वह 12वें ओवर के अंत में धुनाई कर रहे थे, तब मैं उनके पास जाना चाहता था और कप्तान से कहना चाहता था कि मैं गेंदबाजी करूंगा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया क्योंकि कप्तान की अपनी अलग रणनीति थी। उन्होंने मुझे गेंद दी। एक सोच यही थी कि हमें मैच नहीं हारना। जब आप देश के लिए खेलते हो तो एक ही बात मायने रखती है कि आफ मैच जीतना चाहते हो।"
चहर ने कहा कि उनको चेन्नई में खेलने से फायदा हुआ जिससे उन्हें पता चला कि ओस से कैसे निपटा जाता है। चहर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में तीन बार की विजेता चेन्नई सुपर किंग्स से खेलते हैं।
दाएं हाथ के इस गेंदबाज ने कहा, "चेन्नई में खेलने से मुझे काफी फायदा मिला है। चेन्नई में ओस और पसीना होता है। मैंने उस स्थिति में गलतियां की हैं और नो बॉल तक फेंकी हैं, लेकिन मैंने उससे काफी कुछ सीखा। मैंने उस अनुभव से सीखा कि इस तरह की स्थिति में गेंद कैसे फेंकनी हैं और कैसे अपने नाम को अंजाम देना है।"
आईपीएल और चेन्नई की बात की जाए तो महेंद्र सिंह धोनी का जिक्र न करना बेमानी होगा और चहर ने भी कहा कि भारतीय टीम के विश्व विजेता कप्तान धोनी ज्यादा चीजें नहीं कहते हैं और आप जो करना चाहते हो उसका समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा, "मैं धोनी से बात करता रहता हूं, लेकिन माही भाई ज्यादा चीजें नहीं कहते हैं। मैच में जब उन्हें लगता है तो वो आपको मैच स्थिति के बारे में समझाते हैं। वो हमेशा कहते हैं कि तुम पेशेवर हो और जानते हो कि आपका मजबूत पक्ष और कमजोर पक्ष क्या है और आपको कैसे इस तरह की स्थिति से निपटना है। वह आपको आत्मविश्वास देते हैं कि आप इस मंच पर अच्छा करने के काबिल हैं।"