मुंबई। रोहित शर्मा के बचपन के कोच दिनेश लाड को पूरी उम्मीद है कि 2023 में घरेलू सरजमीं पर होने वाले 50 ओवर के विश्व कप में उनका शिष्य दमदार प्रदर्शन करेगा। पिछले साल विश्व कप में रोहित ने पांच शतक जमाये लेकिन टीम सेमीफाइनल में हार गयी थी। रोहित को हाल में भारत के सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिये चुना गया।
मुंबई में काफी मशहूर क्रिकेट कोच लाड ने मराठी क्रिकेट चैट शो ‘कॉफी क्रिकेट अनी बरेच कही’ में कहा, ‘‘खेल रत्न मिलना बहुत बड़ी उपलब्धि है। मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए लेकिन अगर एक गरीब लड़के में प्रतिभा है और वह इसे साबित भी करता है और भाग्य भी साथ दे तो वह लड़का आसमान छू सकता है और इसका जीता जागता उदाहरण रोहित शर्मा हैं।’’
ये भी पढ़ें - राजस्थान रॉयल्स के युवा खिलाड़ी आईपीएल में प्रभाव छोड़ने के लिए हैं तैयार
उन्होंने कहा,‘‘उसने यह सब कुछ अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा के दम पर हासिल किया। मुझे उम्मीद है कि आगामी 50 ओवर के विश्व कप में रोहित को अपनी काबिलियत के दम पर भारत को जीत दिलानी चाहिए।’’
ये भी पढ़ें - चेन्नई सुपरकिंग्स की आईपीएल की तैयारियों पर लगा ग्रहण, टीम के कुछ सदस्य पाए गए हैं कोरोना पॉजिटिव : रिपोर्ट
लाड ने रोहित को पहली बार देखने का किस्सा भी बताया। उन्होंने कहा,‘‘बोरिवली में एक शिविर आयोजित हुआ था और कुछ मैच कराये गये थे। मैंने अपने स्कूल की टीम को उसमें खिलाया था। मेरी और रोहित की टीम फाइनल में पहुंची थी, यह सीमेंट के विकेट पर 10 ओवर का मैच था और हम उस मैच को जीते थे।’’
ये भी पढ़ें - US Open 2020 का कार्यक्रम हुआ जारी, पुरुष एकल के पहले मैच में इस खिलाड़ी से होगा जोकोविच का सामना
उन्होंने कहा,‘‘हमारा स्कूल नया था और मैं प्रतिभाशाली बच्चों की खोज में रहता था, जिस तरह से रोहित ने गेंदबाजी की थी, मैं काफी प्रभावित हुआ था और मैंने सोचा कि हमें इस बच्चे को अपने स्कूल में लेना चाहिए।’’
ये भी पढ़ें - मोहम्मद नबी ने सीपीएल में मचाया धमाल, दमदार गेंदबाजी से सेंट लूसिया जुक्स को दिलाई बड़ी जीत
लाड के अनुसार रोहित के अंकल स्कूल की फीस नहीं भर सकते थे और उनके कहने पर रोहित को स्कूल में मुफ्त में भर्ती कराया गया।
उन्होंने कहा,‘‘मैंने स्कूल के निदेशक से उसकी फीस कम करने को कहा और रोहित पहला बच्चा था जिसके लिये मैंने ऐसा किया था, उस समय मैंने नहीं सोचा था कि वह भारत के लिये खेलेगा। उन्होंने उसे स्कूल में भर्ती कर लिया। अगर उस समय ऐसा नहीं हुआ होता तो आप रोहित शर्मा को नहीं देख पाते।’’