भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज और उप-कप्तान रोहित शर्मा आज अपना 34वां जन्मदिन मना रहे हैं। व्हॉइट बॉल क्रिकेट में इस खिलाड़ी ने सालों से अपनी बादशाहत बरकरार रखी हुई है, वहीं अब रेड बॉल क्रिकेट में भी रोहित अपना परचम लहरा रहा है। बात पुल शॉट की हो या फिर वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने की इस जैसा खिलाड़ी कोई हार्ड इच नहीं है।
2007 में आयरलैंड के खिलाफ खेलकर अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत करने वाले इस खिलाड़ी ने अपने शुरुआती करिय में काफी कुछ देख लिया था। अंतररारष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू होने के कुछ महीने बाद ही भारतीय टी20 वर्ल्ड कप में इस खिलाड़ी ने अपनी जगह बनाई थी। रोहित ने फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 16 गेंदों पर 30 रन की पारी खेलकर भारत की जीत में अहम रोल अदा किया था।
रोहित ने शुरुआती करियर में ही अपने पुल शॉट की प्रतिभा का जौहर दिखाते हुए सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था, लेकिन बैटिंग ऑर्डर फिक्स नहीं होने के चलते यह खिलाड़ी कभी सिलसिलेवार तरीके से रन नहीं बना पाया। नतीजा यह रहा कि उनके टैलेंट पर सवाल उठने लगे। अंतरराष्ट्रीय करियर के पहले 6 सालों में रोहित ने 103 मैच खेले जिसमें उन्होंने मात्र दो ही शतक जड़े और वो भी जिम्बाब्वे दौरे पर। यही कारण था कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप खेलने वाले रोहित एकदिवसीय वर्ल्ड कप 2011 की टीम में अपनी जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाए थे।
लेकिन महेंद्र सिंह धोनी को रोहित के टैलेंट पर पूरा भरोसा था और उन्होंने 2013 में एक ऐसा फैसला लिया जिससे इस खिलाड़ी की किसमत ही पलट गई। धोनी ने रोहित को सलामी बल्लेबाजी करने का मौका दिया और इस खिलाड़ी इसे दोनों हाथों से लपका और फिर कभी पिछे मुड़कर नहीं देखा। चैंपियंस ट्रॉफी से रोहित शर्मा का जो रन बनाने का सिलसिला शुरू हुआ वो आज तक चल रहा है।
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रोहित ने 2013 से खेले 114 मैचों में 27 वनडे शतक लगाए हैं। इसमें तीन दोहरे शतक भी हैं। रोहित ने श्रीलंका के खिलाफ 264 रन की नाबाद पारी खेली थी और वनडे क्रिकेट के इतिहास की यह सबसे सर्वश्रेष्ठ पारी है। रोहित का वनडे क्रिकेट की एक इनिंग में सर्वाधिक रन बनाने का यह रिकॉर्ड तोड़ना काफी मुश्किल है।
बात रोहित के टेस्ट करियर की करें तो उन्होंने 2013 में ही टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था। यहां भी उनके साथ वही समस्या था जो व्हाइट बॉल क्रिकेट में उनके शुरुआती करियर में थी। रोहित का टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत तो लगातार दो टेस्ट में दो शतक लगाकर की, लेकिन बैटिंग पोजिशन फिक्स ना होने की वजह से उनके बल्ले से सिलसिलेवार तरीके से रन नहीं निकल रहे थे। 6 साल तक टीम से वैसे ही उनका अंदार बाहर होने का सिलसिला चलता रहा और 2019 में उन्हें टेस्ट क्रिकेट में भी बतौर सलामी बल्लेबाजी करने का मौका मिला। साउथ अफ्रीका के खिलाफ बतौर सलामी बल्लेबाज अपने पहले टेस्ट में ही रोहित ने 176 रन की पारी खेल डाली। रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में बतौर सलामी बल्लेबाज तीन शतक लगाए हैं जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है। ऑस्ट्रेलिया में पिछले साल हुए टेस्ट सीरीज में भी रोहित ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया में तिरंगा लहराने में अमह भूमिका अदा की थी।
रोहित शर्मा ने अभी तक 38 टेस्ट 227 वनडे और 111 टी20 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने क्रमश: 2615, 9205 और 2864 रन बनाए हैं।
रोहित आईपीएल में मुंबई इंडियंस के कप्तान है और उन्होंने अपनी अगुवाई में टीम को रिकॉर्ड 5 बार खिताब जीताए हैं। वह इस समय गत विजेता भी है और इस साल आईपीएल में वह खिताफ को डिफेंड करने की जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं।