भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने बीसीसीआई से अपील की है कि वह देश के खिलाड़ियों को विदेशी टी-20 लीग में खेलने की अनुमति दें। बीबीसी से बात करते हुए उथप्पा ने कहा कि बीसीसीआई को कम से कम उन खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की मंजूरी देनी चाहिए जो उनके सालाना कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में शामिल नहीं हैं।
उथप्पा ने कहा, ''मैं आग्रह करता हूं हमें जाने दें, बहुत दुख होता है जब हमें विदेशी लीग में खेलने की मंजूरी नहीं मिलती है। यह खिलाड़ियों के लिए अच्छा होगा कि कम से कम एक लीग में उन्हें शामिल होने दिया जाए। इस खेल के एक स्टूडेंट होने के नाते आप चाहते हैं कि आप अधिक से अधिक सीखने की कोशिश करें लेकिन ऐसा तब संभव हो पाएगा जब बीसीसीआई अपने नियमों में बदलाव करेगा।''
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हालांकि भारतीय महिला क्रिकेट टीम के साथ ऐसा नहीं है। भारतीय महिला टीम की खिलाड़ी स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर ऑस्ट्रेलिया के महिला बिग बैश लीग में हिस्सा लेती हैं। बीबीएल के अलावा यह दोनों खिलाड़ी इंग्लैंड की सुपर टी-20 लीग में भी खेलती हैं लेकिन पुरुष क्रिकेटरों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं दी गई।
इससे पहले साल 2017 में भारतीय टीम के ऑलराउंडर यूसुफ पठान को हॉन्ग-कॉन्ग ब्लिट्ज लीग में खेलने के लिए बीसीसीआई की तरफ से एनओसी दिया गया था लेकिन बाद में उसे रद्द कर दिया गया।
उथप्पा को उम्मीद है कि बीसीसीआई के नए अध्यक्ष सौरव गांगुली इस मुद्दे पर काम करेंगे और भविष्य में खिलाड़ियों को विदेशी लीग में शामिल होने के लिए रास्ता बनाएंगे।
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उन्होंने कहा, ''गांगुली बहुत प्रगतिशिल सोच के इंसान हैं। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हमेशा भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने के बारे में सोचते हैं। मौजूदा समय में आज भारतीय क्रिकेट जहां भी है उसकी नीव गांगुली ने ही रखी थी। हम उम्मीद करते हैं कि वह जल्द ही इस बारे में कुछ फैसला लेंगे।''
आपको बता दें कि संन्यास से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड किसी भी खिलाड़ी विदेशी टी-20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता है। हालांकि संन्यास के बाद भी बीसीसीआई की खास मंजूरी लेनी पड़ती है तभी वह किसी दूसरे लीग में खेल सकते हैं। अगर बीसीसीआई की मंजूरी के बिना कोई खिलाड़ी किसी भी लीग में हिस्सा लेता है तो वह देश के घरेलू क्रिकेट के साथ-साथ इंडियन प्रीमियर लीग में भी खेलने के लिए अयोग्य माना जाता है।