ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ब्रिसबेन टेस्ट मैच में 89 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत पूरे देश के चेहेत बन गए हैं लेकिन टेस्ट सीरीज से पहले उनके लिए चीजें आसान नहीं थी। ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले पंत अपनी फिटनेस और फॉर्म को लेकर संघर्ष कर रहे थे जिसके कारण उनकी खूब आलोचना भी हुई और नतीजा यह हुआ भारत की लिमिटेड ओवर्स की टीम से पंत उनकी हो गई।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में पंत ने वापसी की लेकिन इससे पहले उनके बढ़ते वजन और विकेटकीपिंग स्किल्स पर सवाल उठे थे। यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेले गए मुकाबले में उन्हें मौका नहीं मिला। पहले टेस्ट मैच में ऋद्धिमान साहा को भारत ने मैदान पर उतारा लेकिन वह कारगर साबित नहीं हुए और फिर मेलबर्न में खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट में पंत मौका दिया गया।
यह भी पढ़ें- टीम इंडिया में अपनी जगह को लेकर बोले साहा, 'पंत के होने से नहीं पड़ता कोई फर्क'
ऐसे में पंत ने यह तय किया कि बाहरी दुनिया में चल रही बातों पर वह ध्यान नहीं देकर वह अपने खेल पर ध्यान लगाए।
पंत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपने इसी अनुभव को साझा करते हुए 'स्पोर्ट्स टुडे' से खास बातचीत की और कहा, ''मैं हर दिन कुछ ना कुछ आलोचनाओं के बारे में सुनता था, यह खेल का एक हिस्सा बन चुका था लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर हमें खुद पर भरोसा रखना होता है। मैं भाग्यशाली था कि ऑस्ट्रेलिया में कड़ी चुनौतियों के बीच मेरे साथ कुछ ऐसे लोग थे जिन्होंने मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, जिससे की मेरा आत्मविश्वास और मजबूत होता चला गया।''
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पंत को तीन टेस्ट मैचों में खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 274 रन बनाए। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 97 रनों का रहा। साथ ही उन्होंने आखिरी टेस्ट मैच में 89 रनों की नाबाद पारी मैच विजेता पारी भी खेली थी।
यह भी पढ़ें- थिरिमाने ने टेस्ट क्रिकेट में किया ऐसा कारनामा जो पहले कभी श्रीलंका का कोई खिलाड़ी नहीं कर सका
पंत इस सीरीज में सबसे अधिक औसत से रन बनाने वाले बल्लेबाज भी रहे। रन बनाने के मामले में वह दोनों टीमों को मिलाकर तीसरे स्थान पर रहे जबकि भारतीय टीम में वह सबसे अधिक रन स्कोर करने वाले खिलाड़ी रहे। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में सबसे अधिक मार्नस लाबुसेन ने 426 और स्टीव स्मिथ ने 313 रन बनाए।
अपने इस प्रदर्शन को लेकर पंत ने कहा, ''यदि आप आगे बढ़ते हैं तो आपको खुद में सुधार करना पड़ता है। मुश्किल परिस्थिति में मैंने यही सीखा है कि आपको अपने खेल पर सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। इसके साथ ही बाहर आपके बारे में क्या बातें चल रही है इससे भी आपको दूर रहने की जरुरत होती है। हालांकि यह काफी मुश्किल होता है। क्योंकि सोशल मीडिया के इस दौर में आप खुद इन चीजों से चाहकर भी अलग नहीं रख पाते हैं।''
यह भी पढ़ें- शार्दुल ने लिया उस खिलाड़ी का नाम, जो गाबा टेस्ट मैच में भारत से कर रहा था उनकी मदद
उन्होंने कहा, ''जब आप अच्छा करते हैं तो लोग आपके बारे में अच्छा लिखेंगे लेकिन जैसे ही आपके प्रदर्शन में गिरावट आती है वही आपकी आलोचना करना शुरू कर देते हैं। यह क्रिकेटर के जीवन का हिस्सा बन गया है। ऐसे में मैं यही कहुंगा की अगर आप आलोचनाओं पर ध्यान ना देकर अपने खेल पर ध्यान देंगे तो यह आपके लिए बेहतर होगा।''