कोलकाता। दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण की 281 रन की पारी भले ही इतिहास का हिस्सा बन गई हो लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि इस पारी में असल में उनका करियर बचाया था। मैच फिक्सिंग प्रकरण से बेहाल भारतीय क्रिकेट 21वीं सदी की शुरुआत में मुश्किल दौर से गुजर रहा था जब सौरव गांगुली को टीम की कमान सौंपी गई।
मुंबई में हार के बाद भारतीय टीम 0-1 से पीछे थी और कोलकाता टेस्ट में उसे फालोआन खेलने के लिए कहा गया था लेकिन लक्ष्मण की 281 और राहुल द्रविड़ की 180 रन की पारी और दोनों के बीच पांचवें विकेट की 376 रन की साझेदारी से भारत 171 रन की यादगार जीत दर्ज करने में सफल रहा। इस हार के साथ स्टीव वा की टीम का रिकार्ड लगातार 16 जीत का अभियान भी थम गया।
हैदराबाद के लक्ष्मण ने जब अपनी आत्मकथा लिखने का फैसला किया तो किताब के शीर्षक ‘281 एंड बियोंड’ के लिए उन्हें अधिक सोच विचार नहीं करना पड़ा।
गांगुली ने हालांकि मजाकिया लहजे में कहा कि वह शीर्षक से निराश हैं। किताब के कोलकाता चरण के विमोचन के दौरान गांगुली ने कहा, ‘‘मैंने एक महीना पहले उसे एमएमएस किया था लेकिन उसे जवाब नहीं दिया। मैंने उसे कहा था कि यह उपयुक्त शीर्षक नहीं है। इसका शीर्षक होना चाहिए ‘281 एंड बियोंड और डेट सेव्ड सौरव गांगुली करियर’।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस शीर्षक का विरोध किया था क्योंकि अगर वह 281 रन नहीं बनाता तो हम टेस्ट हार जाते और मैं दोबारा कप्तान नहीं बनता।’’ टेस्ट क्रिकेट में सफल करियर के बावजूद लक्ष्मण का सीमित ओवरों का करियर आगे नहीं बढ़ पाया और वह सिर्फ 86 एकदिवसीय मैच खेल पाए। लक्ष्मण को 2003 विश्व कप के लिए दक्षिण अफ्रीका जाने वाली टीम से बाहर कर दिया गया। गांगुली ने हालांकि कहा कि शायद यह गलती थी।
उन्होंने कहा, ‘‘लक्ष्मण ऐसा खिलाड़ी था जो सभी प्रारूपों में अच्छा कर सकता था। शायद यह गलती थी। एक कप्तान के रूप में आप फैसला करते हैं और ऐसी चीजें होती हैं तो शायद सही या गलत नहीं हों।’’