टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व हेड कोच के कार्यपद पर काम कर चुके अनिल कुंबले ने अपने क्रिकेट करियर में कई रिकॉर्ड कायम किए। वो भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक 619 टेस्ट विकेट जबकि वनडे क्रिकेट में 337 विकेट लेने वाले एकमात्र गेंदबाज है। उनके इस रिकॉर्ड को आज तक कोई भी नहीं तोड़ पाया है। इतना ही नहीं दाएं हाथ से फिरकी ( स्पिन ) गेंदबाजी करने वाले कुंबले ने टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा भी अपने नाम किया है। इस तरह कुंबले सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में निचले क्रम में उपयोगी रन बनाते थे। जिसके चलते उन्होने अपने पहले टेस्ट शतक और उस समय गेंदबाजी कर रहे केविन पीटरसन की गेंद पर खेले गए अजीबो - गरीब शॉट के बारे में बताया है। जिससे उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया था।
आर. आश्विन के साथ यूट्यूब चैट शो DRS विथ ASH में कुंबले ने अपने पहले टेस्ट शतक को याद करते हुए उसे काफी यादगार लम्हा बताया। इंग्लैंड के खिलाफ साल 2007 में लगाये गए पहले टेस्ट शतक के बारे में कुंबले ने कहा, "केविन पीटरसन की वाइड गेंद में मारा गया वो शॉट काफी स्पेशल था। क्योंकि मैं पिछले काफी समय से टेस्ट क्रिकेट में शतक के लिए ट्राई कर रहा था। जिसके चलते वो मेरा 117वां मैच था और इस बार मैं उसमे कोई गलती नहीं करना चाहता था। इस तरह मैं अनुमान लगा रहा था कि गेंदबाज क्या कर सकता है। हालांकि मेरा अनुमान सही निकला और मैंने शतक बनाया।"
49 साल के हो चुके कुंबले ने उस मैच को याद करते हुए अपने प्लान के बारे में बताया कि उन्हें पता था वो आखिरी बल्लेबाज हैं और सामने छोर पर श्रीसंत थे। ऐसे में वो किसी भी तरह उन्हें स्ट्राइक नहीं देना चाहते थे। इस तरह दोनों ने मिलकर लगभग 30 से अधिक रनों की साझेदारी भी की थी। कुंबले ने आगे बताया उन्हें पता था कि इंग्लैंड तीसरी या चौथी नई गेंद ले सकता है। मुझे इतना ढंग से याद नहीं है। इसलिए पता था कि मुझे कुछ रन मिल सकते हैं और श्रीसंत को स्ट्राइक नहीं दे सकता।
इस तरह गेंदबाजी करने केविन पीटरसन जब सामने आए कुंबले 97 रन पर खेल रहे थे। जिसके बाद कुंबले ने वाइड गेंद पर किसी तरह बल्ला लगाकर चौका हासिल कर लिया। इस तरह उस अजीबो - गरीब शॉट के बारे में कुंबले ने कहा, "मैं कोशिश कर रहा था कि पीटरसन के बाद वाले ओवर में शॉट के लिए जाऊँगा। मगर मैं क्रीज के बाहर निकला और पीटरसन ने वाइड गेंद फेंकी जिस पर मैंने बल्ला लगाने का प्रयास किया और तुरंत क्रीज पर वापस आया। इसलिए मुझे पता चल गया था गेंद बल्ले के अंदरूनी भाग से लग गई है तो जैसे ही वो बाउंड्री की तरफ मैंने तुरंत बल्ला हवा में उठा दिया। जिससे अंपायर स्टीव बकनर बाई रन ना दे पाए और मैंने अपना शतक पूरा किया।"
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बता दें कि कुंबले ने भारत के लिए 132 टेस्ट और 271 वनडे मैच खेले हैं। जबकि साल 2016 से लेकर 2017 तक कुंबले ने टीम इंडिया के हेड कोच का कार्यभार भी संभाला है।