नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व चयनकर्ता राजा वेंकट का यह कहना कि तत्कालीन बोर्ड प्रमुख एन. श्रीनिवासन के विरोध की वजह से ही विराट कोहली वन डे टीम के कप्तान नहीं बन पाए वर्ना वह तीन साल पहले ही बन गए होते, एक बात तो साफ दर्शाता है कि श्रीनिवासन का बीसीसीआई में एकाधिकार था और वहां वही होता था जो श्रीनिवासन चाहते थे।
2011-2012 में चयन समिति के सदस्य रह चुके राजा वेंकट का ये बयान भी दिलचस्प है कि 2011 के अंत और 2012 की शुरुआत में आस्ट्रेलिया दौरे पर गई महेंद्र सिंह धौनी के नेतृत्व वाली भारतीय टीम कई धड़ों में बंटी थी।
सवाल ये है कि आख़िर श्रीनिवासन कोहली के ख़िलाफ़ क्यों थे, और टीम क्यों बिखरी हुई थी? कहीं इसका सीधा संबंध चेन्नई सुपर किंग्स के व्यवसाय से तो नहीं था जिसके मालिक श्रीनिवासन हैं...?
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