दुबई: बल्लेबाज अंबाती रायुडू की नजरें प्रेरणा और मार्गदर्शन के लिए सदाबहार महेंद्र सिंह धोनी पर टिकी हैं जबकि विराट कोहली की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम यहां एशिया कप की तैयारी कर रही है। भारतीय टीम कोहली के बिना यूएई पहुंची है जिन्हें काम के ज्यादा बोझ के कारण चयनकर्ताओं ने आराम दिया है। रायुडू ने शनिवार के प्रेस कांफ्रेंस में कहा,‘‘बेशक उसकी (कोहली की) बड़ी कमी खलेगी और उसका नहीं होना टीम के लिए नुकसान है। हालांकि इसके बावजूद हमारी टीम में इतने स्तरीय खिलाड़ी हैं कि हम जीत दर्ज कर सकें। वह (धोनी) भारतीय कप्तान रहा है और हमेशा टीम के हर एक सदस्य की मदद करता रहा है। इस सत्र में मैं किस तरह उबरा उसमें उसने (धोनी ने) मेरी काफी मदद की।’’
विश्व कप में अब जब एक साल से भी कम का समय बचा है तब भारत का मध्यक्रम तय नहीं है और ऐसे में रायुडू जैसे खिलाड़ियों के लिए टीम में अपनी जगह पक्की करने का बेहतरीन मौका है। उन्होंने कहा,‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैंने अब तक इस बारे में नहीं सोचा है और ना ही इसे प्रतिस्पर्धा के तौर पर देख रहा हूं। यह खुद को दिखाने का मौका है और इन चीजों के बारे में सोचकर मैं अपने खेल पर अधिक दबाव नहीं बनाना चाहता।’’
चोट के कारण लंबे समय बाद टीम में वापसी कर रहे 32 साल के रायुडू ने कहा,‘‘मुझे नहीं लगता कि कोई असल में विश्व कप के बारे में सोच रहा है। हम एशिया कप के लिए आए हैं और मुझे नहीं लगता कि कोई इसके (विश्व कप) बारे में सोच रहा है।’’
भारत को टूर्नामेंट का अपना पहला मैच 18 सितंबर को हांगकांग के खिलाफ खेलना है जबकि इसके एक दिन बाद टीम चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ेगी। रायुडू ने कहा,‘‘मुझे नहीं लगता कि यह नुकसान की स्थिति है। यह निश्चित तौर पर मुश्किल होगा और मुझे यकीन है कि हम पहले मैच से उबरकर दूसरे मैच में तरोताजा रहने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ संभव प्रयास करेंगे।’’
रायुडू ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से शानदार प्रदर्शन के बावजूद इंग्लैंड दौरे के सीमित ओवरों के चरण से चूकना निराशाजनक था। रायुडू अपने पहले प्रयास यो-यो टेस्ट में विफल रहे थे जिसके कारण उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली थी।
अपने दूसरे प्रयास में यो-यो पास करने के बाद रायुडू को भारत ए की ओर से त्रिकोणीय श्रृंखला में खेलने का मौका मिली जिसकी अन्य टीमें आस्ट्रेलिया ए और दक्षिण अफ्रीका ए थी और वह इस टूर्नामेंट में सफल भी रहे।
उन्होंने बेंगलुरू में आस्ट्रेलिया ए के खिलाफ कम स्कोर वाले मैच में नाबाद 62 रन की पारी खेली जिसके लिए उन्हें मैन आफ द मैच चुना गया। दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ अलूर में उन्होंने 66 रन बनाए।