कोलंबो: भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने गुरुवार को साफ किया कि मैदान पर उतरते ही कमान खिलाड़ियों के हाथों में होगी और ऐसा होना भी चाहिए। अनिल कुंबले के स्थान पर कोच पद संभालने वाले शास्त्री ने कहा, ‘वे अपना काम जानते हैं, वे पेशेवर क्रिकेटर हैं। मैदान पर उतरने के बाद कमान उनके हाथों में होगी। ऐसा होना भी चाहिए।’
इसके साथ ही शास्त्री ने श्रीलंका से जुड़ी अपनी खास बातों का जिक्र किया। शास्त्री ने पहली बार जिस विदेशी धरती पर कदम रखा था वह श्रीलंका ही था। इसके अलावा कॉमेंटेटर और कोच के रूप में शास्त्री पहली बार श्रीलंका ही आए थे। शास्त्री ने खेल के बारे में बात करते हुए कहा, ‘मेरा काम खिलाड़ियों की ऐसी मानसिकता तैयार करना है कि वे मैदान पर उतरकर अपना नैसर्गकि और बेपरवाह क्रिकेट खेलें।’ शास्त्री ने कहा कि श्रीलंका को उसकी सरजमीं पर हल्के से नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘किसी भी अन्य टीम की तरह उसका घरेलू मैदानों पर रिकॉर्ड अच्छा है। हम इस सीरीज में सुधार करने पर ध्यान देंगे। ऐसा नहीं करने पर खेलने का मतलब नहीं बनता।’
शास्त्री ने कहा कि चार दशक पूर्व सबसे पहले उन्होंने श्रीलंका का ही दौरा किया था। उन्होंने कहा, ‘मेरे पासपोर्ट पर पहली मुहर श्रीलंका की लगी है। मैं जब 18 साल का था तब पहली बार यहां आया था। इसके बाद 1994 में कॉमेंटेटर के रूप में मैं सबसे पहले श्रीलंका ही आया था और अब कोच के रूप में भी मैं सबसे पहले यहां आया हूं। मेरी यहां से काफी यादें जुड़ी हैं।’