सिडनी। भारतीय कोच रवि शास्त्री ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर भारत की टेस्ट श्रृंखला में पहली जीत को 1983 की विश्व कप में ऐतिहासिक जीत के बराबर बताया और कहा कि ‘यह विश्व कप जीत से बड़ी नहीं तो उसकी बराबरी की है।’ भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराया और ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर 71 वर्षों में पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीती जिसके बाद शास्त्री ने टीम की जमकर तारीफ की।
शास्त्री ने कहा, ‘‘मैं आपको बताऊंगा कि यह मेरे लिये कितनी संतोषजनक है। विश्व कप 1983, क्रिकेट विश्व चैंपियनशिप 1985 - यह भी उनकी तरह बड़ी है या आप इसे उनसे भी बड़ी कह सकते हैं क्योंकि यह खेल के सबसे अहम प्रारूप (टेस्ट) में मिली है। यह टेस्ट क्रिकेट है जिसे सबसे कड़ा माना जाता है।’’ प्रारूपों की तुलना नहीं की जा सकती है लेकिन भारत ने 1983 विश्व कप की जीत वेस्टइंडीज की उस टीम के खिलाफ दर्ज की थी जो अजेय थी और जिसमें विवियन रिचर्ड्स और क्लाइव लायड जैसे बल्लेबाजों के अलावा एंडी राबर्ट्स, मैलकम मार्शल, माइकल होल्डिंग और जोएल गार्नर जैसे गेंदबाज थे।
खुलकर विचार रखने वाले शास्त्री ने कहा कि वह वर्तमान में जीना पसंद करते हैं और उम्मीद के अनुरूप उन्होंने विराट कोहली की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘जो बीत गया वह इतिहास है और भविष्य रहस्य। हम आज 71 साल बात जीते हैं और मैं वर्तमान में जीना पसंद करता हूं। मैं अपने कप्तान का उस टीम का कप्तान होने पर सैल्यूट करता हूं जिसने ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पहली बार हराया।’’
शास्त्री ने इसके बाद भी कोहली की तारीफ में जमकर कसीदे कसे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि जितने जुनून के साथ वह टेस्ट क्रिकेट खेलता है कोई और खेलता होगा। जहां तक इस मैच को खेलने के लिये जुनून की बात आती है तो मुझे नहीं लगता कि कोई अन्य अंतरराष्ट्रीय कप्तान उसके करीब है।’’
शास्त्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला में जीत पिछले साल की कड़ी मेहनत का नतीजा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दौरा ऑस्ट्रेलिया में ही शुरू नहीं हुआ। यह दौरान 12 महीने पहले दक्षिण अफ्रीका में शुरू हो गया था जहां हमने कहा था कि हम खास तरह की क्रिकेट खेलने जा रहे हैं। हमने सयोंजन को लेकर प्रयोग किये और पाया कि टीम के लिये बेहतर क्या है और फिर उसे आगे बढ़ाया।’’ शास्त्री ने कहा, ‘‘हमने दक्षिण अफ्रीका में काफी कुछ सीखा और हमें इंग्लैंड में भी काफी कुछ सीखने को मिला। हमने गलतियां की जो हमने इस श्रृंखला में नहीं की। हमने उन गलतियों से सबक लिया। ’’