मुंबई। कपिल देव की अगुआई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति यहां शुक्रवार को छह उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेगी जिसमें भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री को अपना पद बरकरार रखने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। शास्त्री के अलावा तीन सदस्यों की समिति के समक्ष जो अन्य बड़े नाम प्रस्तुति देंगे उसमें आस्ट्रेलिया के पूर्व आलराउंडर और श्रीलंका के पूर्व कोच टाम मूडी के अलावा न्यूजीलैंड और किंग्स इलेवन पंजाब के पूर्व कोच माइक हेसन शामिल हैं।
भारत की 2007 की विश्व टी20 जीतने वाली टीम के मैनेजर लालचंद राजपूत, मुंबई इंडियन्स के पूर्व मुख्य कोच रोबिन सिंह और वेस्टइंडीज के फिल सिमंस भी दावेदारी पेश कर रहे हैं। सिमंस हाल के समय तक अफगानिस्तान की राष्ट्रीय टीम के कोच थे। शास्त्री का 2017 में भारतीय टीम से मुख्य कोच के रूप में जुड़ने के बाद से रिकार्ड काफी अच्छा है। इस दौरान पिछले साल भारत ने आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीती। शास्त्री के मार्गदर्शन में जुलाई 2017 से भारत ने 21 टेस्ट में से 13 में जीत दर्ज की। टी20 अंतरराष्ट्रीय में तो प्रदर्शन और भी बेहतर रहा जहां भारत ने 36 में से 25 मैचों में जीत दर्ज की।
एकदिवसीय में भी भारतीय टीम 60 में से 43 मुकाबले जीतकर हावी रही। टीम हालांकि विश्व कप 2019 में उनके मार्गदर्शन में सेमीफाइनल से आगे बढ़ने में नाकाम रही। कैरेबियाई सरजमीं पर हालांकि टी20 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का दबदबा दर्शाता है कि टीम इंडिया अधिकांश चीजें सही कर रही है। कप्तान विराट कोहली के सार्वजनिक समर्थन के बाद अगर शास्त्री को 2021 में भारत में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए दोबारा जिम्मेदारी मिलती है तो अधिक हैरानी नहीं होगी। शास्त्री के स्काइप के जरिए इंटरव्यू देने की उम्मीद है जबकि राजपूत, हेसन और रोबिन सिंह निजी तौर पर पैनल के समक्ष पेश होंगे।
पैनल के दो अन्य सदस्य पूर्व महिला कप्तान शांता रंगास्वामी और पूर्व सलामी बल्लेबाज अंशुमान गायकवाड़ हैं। भारत के लिए 80 टेस्ट और 150 वनडे खेलने वाले शास्त्री का अनुबंध ब्रिटेन में हुए विश्व कप तक था लेकिन इसमें 45 दिन का विस्तार करके वेस्टइंडीज दौरे के अंत तक बढ़ा दिया गया। शास्त्री के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी हेसन और मूडी हो सकते हैं। हेसन को सबसे शातिर कोचों में शामिल किया जाता है जबकि मूडी आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के साथ काफी सफल रहे हैं। मूडी इससे पहले भी कोच साक्षात्कार में हिस्सा ले चुके हैं लेकिन उन्हें नहीं चुना गया और इस बार उनकी राह और मुश्किल होगी।
राजपूत ने भी कई बार इस पद के लिए प्रयास किया है लेकिन शास्त्री की दावेदारी को नकारना मुश्किल होगा। बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोचों के लिए साक्षात्कार एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली चयन समिति लेगी और ऐसे में देखना होगा कि शास्त्री को उनकी पसंद का सहायक स्टाफ मिलता है या नहीं। प्रशासनिक प्रबंधक सुनील सुब्रमण्यम का पद भी दावेदारों के लिए होगा क्योंकि खराब आचरण के कारण आलोचना के बाद उन्हें पुन: यह पद मिलना मुश्किल है। गेंदबाजी कोच के रूप में भरत अरूण का चुना जाना लगभग तय है लेकिन बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता। क्षेत्ररक्षण कोच के रूप में आर श्रीधर की पुन: नियुक्ति हो सकती है लेकिन उन्हें दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्षेत्ररक्षक रहे जोंटी रोड्स से सीधी चुनौती मिलेगी।