रणजी ट्रॉफी के ग्रुप बी मुकाबले में रेलवे ने तीन दिन के अंदर मजबूत घरेलू टीम मुंबई को 10 विकेट से शिकस्त देकर इस रणजी सत्र में अभी तक का सबसे बड़ा उलटफेर किया। मुंबई को शुरूआती दिन महज 114 रन पर समेटने के बाद रेलवे ने कप्तान कर्ण शर्मा के नाबाद 112 रन की बदौलत पहली पारी के आधार पर 152 रन की अहम बढ़त हासिल की।
इसके बाद रेलवे के तेज गेंदबाज हिमांशु सांगवान (60 रन देकर पांच विकेट) ने पांच विकेट चटकाये जिससे मुंबई की टीम वानखेड़े स्टेडियम में दूसरी पारी में 198 रन पर सिमट गयी। उसके टेस्ट विशेषज्ञ अजिंक्य रहाणे दूसरी पारी में भी विफल रहे।
41 बार की चैंपियन घरेलू टीम ने तीसरे दिन तीन विकेट पर 64 रन के स्कोर से खेलना शुरू किया और उसे सीधे हार या कम से कम ड्रॉ कराने के लिये देर तक बल्लेबाजी करने की जरूरत थी। लेकिन रहाणे रात के तीन रन में केवल पांच रन ही जोड़ सके। उनका कैच विकेटकीपर नितिन भिले ने लिया जिससे मुंबई का स्कोर चार विकेट पर 69 रन हो गया।
कप्तान सूर्यकुमार यादव (94 गेंद में 65 रन) और अनुभवी आदित्य तारे (47 गेंद में 14 रन) ने 64 रन की भागीदारी कर मुंबई को संभाला। इन्होंने रेलवे के गेंदबाजों को निराश करने का प्रयास किया।
पहली पारी में छह विकेट चटकाने वाले रेलवे के तेज गेंदबाज प्रदीप टी ने तारे को आउट कर इस भागीदारी को तोड़ा। इसके बाद रेलवे ने लगातार सूर्य और शम्स मुलानी (01) के विकेट हासिल कर लिये।
हालांकि शारदुल ठाकुर (31 गेंद में 21 रन) ने आकाश पारकर (नाबाद 35) के साथ मिलकर सुनिश्चित किया कि मुंबई पारी की हार से बच जाये। लंच के बाद ठाकुर भी आउट हो गये जिससे मुंबई का स्कोर आठ विकेट पर 164 रन हो गया और वह 12 रन से आगे थी।
तेज गेंदबाज तुषार देशपांडे 15 गेंद बाद आउट हो गये। पारकर की पारी से मुंबई ने रेलवे को जीत के लिये 47 रन का लक्ष्य दिया। सलामी बल्लेबाज मृणाल देवधर (नाबाद 27) और प्रथम सिंह (नाबाद 19) ने 12वें ओवर तक रेलवे को 10 विकेट रहते जीत दिला दी। रेलवे की जीत इसलिये विशेष है क्योंकि पहले दो दिन खराब रोशनी और गुरूवार को सूर्यग्रहण की वजह से देर से शुरूआत के कारण 42 ओवर का खेल खराब हो गया था।