कप्तान हर्षल पटेल के अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के दम पर हरियाणा ने त्रिपुरा को रणजी ट्रॉफी ग्रुप सी क्रिकेट मैच के दूसरे दिन ही पारी और 125 रन से हरा दिया। पटेल ने पहली पारी में 29 रन देकर सात विकेट लिये थे जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 21 रन देकर पांच विकेट हासिल किये और इस तरह से मैच में 53 रन देकर 12 विकेट अपनी झोली में डाले जो उनका मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
त्रिपुरा पहली पारी में 63 रन पर आउट हो गया था। हरियाणा ने इसके जवाब में सुबह दो विकेट पर 131 रन से अपनी पहली पारी आगे बढ़ायी तथा कुल 242 रन बनाये। चैतन्य बिश्नोई ने 67, शिवम चौहान ने 56 और पटेल ने 45 रन का योगदान दिया। त्रिपुरा की टीम दूसरी पारी में भी 49 रन पर ढेर हो गयी। उसकी पारी केवल 16.3 ओवर तक चली। केवल सौरभ दास (नाबाद दस) ही दोहरे अंक में पहुंचे।
वहीं आशीष हुड्डा ने अपने कप्तान का पूरा साथ दिया और 21 रन देकर पांच विकेट लिये। हरियाणा को इस जीत से बोनस सहित सात अंक मिले।
छत्तीसगढ़ बनाम उत्तराखंड:
ग्रुप सी के अन्य मैच में छत्तीसगढ़ ने आठवें नंबर के बल्लेबाज अजय मंडल (नाबाद 209) और अमनदीप खरे (नाबाद 166) के बीच सातवें विकेट के लिये 341 रन की साझेदारी के दम पर दूसरे दिन छह विकेट पर 462 रन बनाए।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ ने उत्तराखंड पर पहली पारी में 342 रन की बड़ी बढ़त हासिल कर ली। उत्तराखंड की टीम पहली पारी में 120 रन पर आउट हो गयी थी।
जम्मू कश्मीर बनाम महाराष्ट्र:
ग्रुप सी मुकाबले में जम्मू कश्मीर ने महाराष्ट्र पर शिकंजा कस दिया है। जम्मू कश्मीर ने पहली पारी में 100 रन की बढ़त हासिल करने के बाद दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में चार विकेट पर 155 रन बनाकर अपनी कुल बढ़त 255 रन कर ली है।
टीम के लिए सूर्यांश रैना 79 रन बनाकर खेल रहे हैं। महाराष्ट्र की टीम अपनी पहली पारी में केवल 109 रन बना पायी थी। जम्मू कश्मीर की तरफ से उमर नजीर ने पांच विकेट लिये।
झारखंड बनाम असम:
रांची में चल रहे मैच में झारखंड ने नजीम सिद्दीकी की 173 रन की पारी की बदौलत अपनी पहली पारी में आठ विकेट पर 397 रन बनाकर असम पर 235 रन की बढ़त हासिल कर ली है। असम की टीम पहली पारी में 162 रन पर सिमट गयी थी।
ओडिशा बनाम सेना:
ग्रुप सी के अन्य मुकाबले में ओडिशा ने सेना पर पहली पारी में बढ़त हासिल कर ली है। सेना के 271 रन के जवाब में ओडिशा ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक छह विकेट पर 280 रन बनाये थे।
देबाशीष सामंत्रे (नाबाद 96) शतक से केवल चार रन दूर हैं जबकि बिप्लब सामंत्रे ने 73 रन का योगदान दिया।