रणजी ट्रॉफी 2018-19 के बेहद रोमांचक फाइनल में विदर्भ की टीम ने सौराष्ट्र को हराकर अपने खिताब की रक्षा कर ली और लगातार दूसरी बार रणजी चैंपियन बन गई। बेहद रोमांचक फाइनल मुकाबले में विदर्भ ने सौराष्ट्र को 78 रनों से हराकर खिताब जीत लिया। ये लगातार दूसरी बार है जब विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है। फाइनल मैच बेहद रोमांचक रहा और मैच का पासा कभी विदर्भ तो कभी सौराष्ट्र की तरफ पलटता दिखा लेकिन आखिर में विदर्भ की टीम ने दबाव में शानदार खेल दिखाते हुए फाइनल मैच जीतकर इतिहास रच दिया। चौथी पारी में सौराष्ट्र को जीत के लिए 206 रन बनाने थे लेकिन पूरी टीम सिर्फ 127 रनों पर सिमट गई और मुकाबले को हार गई।
फाइनल मैच में विदर्भ की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 312 रन बनाए थे। विदर्भ की तरफ से पहली पारी में अक्षय कारनेवर ने सबसे ज्यादा (73), अक्षय वाडकर ने (45) रनों की पारी खेली। इन दोनों के अलावा भी बल्लेबाजों को शुरुआत मिली लेकिन वो उसे बड़ी पारी में नहीं बदल सके। इसके जवाब में सौराष्ट्र की पहली पारी 307 रनों पर सिमट गई और विदर्भ को पहली पारी के आधार पर 5 रनों की बढ़त मिल गई। विदर्भ की तरफ से पहली पारी में स्नेल पटेल ने (102) रनों की पारी खेली।
दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी विदर्भ की टीम 200 पर सिमट गई और इस तरह सौराष्ट्र को जीतने के लिए 206 रनों की जरूरत थी। लक्ष्य का पीछा करने उतरी सौराष्ट्र की शुरुआत बेहद खराब रही और टीम ने शुरुआत से ही विकेट खोने शुरू कर दिए। कोई भी बल्लेबाज पिच पर टिक नहीं सका और टीम के विकेट लगातार गिरे।
दूसरी पारी में सौराष्ट्र की तरफ से विश्वराज जडेजा की कुछ संघर्ष कर सके और उन्होंने (52) रनों की पारी खेली। इसके अलावा कोई भी बल्लेबाज विदर्भ के गेंदबाजों का सामना नहीं कर सका। सौराष्ट्र को चेतेश्वर पुजारा से ढेरों उम्मीदें थीं लेकिन वो पहली पारी में 1 और दूसरी पारी में शून्य पर चलते बने।