नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज़ रमीज़ राजा ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दिए गए 'ए' ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट पर सवाल खड़ा करके अपने लिए मुसीबत खड़ी कर ली है। अब सोशल मीडिया पर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों से जमकर खरी-खोटी सुन रहे हैं।
रमीज़ राजा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से आग्रह किया है कि साल में दो महीने सिर्फ टेस्ट मैचों के लिए रखने चाहिये ताकि खेल के इस सबसे लम्बे फॉरमैट को बचाया जा सके। एमसीसी वर्ल्ड क्रिकेट कमेटी के सदस्य रमीज़ राजा का कहना है कि भले ही इंग्लैंड जैसे देशों में आज भी टेस्ट मैच देखने के लिए भीड़ पहुंच जाती है, लेकिन कुछ हद तक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसी घरेलू टी-20 प्रतियोगिताओं की वजह से एशियाई देशों में टेस्ट के प्रति लोगों की रुचि कम होती जा रही है।
रमीज़ राजा ने यह भी कहा कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की भी टेस्ट को लोगों में कम होती रुचि में भूमिका रही है। अपने तर्क में उन्होंने धोनी को बीसीसीआई द्वारा दिए गए 'ए' ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट का ज़िक्र किया। उनका कहना है, "आपको टेस्ट क्रिकेट के दर्जे को सम्मान देना होगा और उसे स्वीकार करना होगा। इसकी पहल क्रिकेट बोर्डों की ओर से होना चाहिए, खासतौर से एशिया में। उन्होंने कहा कि धोनी टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं, फिर भी बीसीसीआई द्वारा उन्हें 'ए' ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। इसी तरह शाहिद आफरीदी टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं, फिर भी पीसीबी ने उन्हें 'ए' ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट दिया।"
भारतीय क्रिकेट प्रशंसक रमीज़ राजा के इस तर्क को पचा नहीं कर पाए और उनका जमकर मज़ाक उड़ाने लगे। कुछ भारतीय प्रशंसकों ने रमीज़ को पीसीबी पर ध्यान देने की सलाह दी जबकि कुछ ने तो उनके कमेंटेटर होने पर भी सवाल खड़े कर दिए। कुछ ने उन्हें धोनी की इज़्ज़त करने की नसीहत दी, और कुछ ने कहा कि उन्हें सालों तक चैम्पियन्स ट्रॉफी में भारतीय टीम पर पाकिस्तान को मिली जीत का जश्न मनाते रहना चाहिए।
रमीज़ राजा का कहना है कि एशिया में यह (टेस्ट क्रिकेट) काफी दबाव में है, लेकिन अगर सलीके से योजना बनाकर टेस्ट मैच चैम्पियनशिप आयोजित की जाए, तो सब कुछ सही हो सकता है, वरना ज़्यादा से ज़्यादा उपलब्ध पैसा टी-20 लीगों पर ही खर्च किया जाता रहेगा, जिससे अंततः टेस्ट क्रिकेट को भारी नुकसान होगा।