टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और ‘द वॉल’ के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ का मानना है कि अगर टेस्ट क्रिकेट में आपको सफल होना है तो अपनी कमजोरियों पर ध्यान देने की बहुत अधिक आवश्यकता है। क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में ही आपकी कमजोरियां निकलकर सामने आती है। जिससे बचने का कोई रास्ता नहीं होता है।
ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बातचीत में द्रविड़ ने कहा, "आपको उन चीज़ों को महत्व देना होगा जो खिलाड़ी T20 क्रिकेट में करते हैं, आंद्रे रसेल को देखें तो छक्के मारने की कला उनका सबसे बड़ा कौशल है, यह आसान नहीं है और इसके लिए एक निश्चित स्तर के कौशल और क्षमता की आवश्यकता होती है।"
इसके आगे द्रविड़ ने कहा, " मगर तुलना करें टेस्ट क्रिकेट से तो ये टी20 क्रिकेट से काफी अलग है। अगर आपकी कमजोरियां टेस्ट क्रिकेट में दिख रही हैं तो आप ज्यादा लंबे समय तक इस फॉर्मेट में नहीं चल सकते है। मगर टी20 क्रिकेट में आपके खेलने का एक नेचर होता है, आपको एक स्पेसिफिक रोल दे दिया जाता है। जिसके साथ आप टी20 क्रिकेट में सफल हो सकते हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में बचने का कोई रास्ता नहीं होता है।"
द्रविड़ ने यह भी कहा कि टेस्ट क्रिकेट खेल के अन्य प्रारूपों की तुलना में काफी जटिल है, और यह सभी खिलाड़ियों के लिए एक रीयल चैलेंज होता है। उन्होंने कहा, " टी20 क्रिकेट में आप पर जाते ही रन बनाने का दबाव होता हो मगर पांच दिन के खेल टेस्ट क्रिकेट में रन बनाने के दबाव की तुलना टी20 से करें तो मेरे ख्याल से उसमें कोई दबाव नहीं होता है।"
वहीं वनडे क्रिकेट के बारे में द्रविड़ ने कहा, "वनडे में आप जल्दी आउट हो गए तो उससे निकल सकते हैं। मगर टेस्ट क्रिकेट में आप जल्दी आउट हो गए तो आपको अपनी पूरी टीम को खेलते देखना होता है उसके बाद दूसरी टीम के बल्लेबाजों को भी खेलते देखना होता है। यही कारण है कि टेस्ट क्रिकेट सभी तौर पर काफी कठिन है।"
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बता दें कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहिल द्रविड़ ने भारत के लिए 164 टेस्ट, 344 वनडे और सिर्फ 1 टी20 मैच खेला है। जिसमें उनके नाम क्रमशः 13288 टेस्ट रन, 10889 वनडे रन और टी 20 की एक पारी में उनके नाम सिर्फ 31 रन हैं।